

अगर ब्लास्टिंग नही रुका तो रामगढ़ पहाड़ी धीरे धीरे पूरा ध्वस्त हो जायेगा, सभी को सहयोग करना चाहिए।
सितेश सिरदार
उदयपुर (गंगा प्रकाश) सरगुजा जिले की उदयपुर मुख्यालय के पुरातत्व धरोहर स्थल रामगढ़ पहाड़ी ब्लास्टिंग के वजह से चारों ओर से पहाड़ी के चट्टान में दरार आ रहा है और टूट कर गिर रहा है रामगढ़ पहाड़ी सरगुजा जिले का ही नहीं बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ का धरोहर है जहां पहाड़ी के समुद्र तल से 2100 मी ऊंचाई पर श्री राम जानकी माता मंदिर पुरातन काल से बना हुआ है जहां पर दर्शन पूजा के लिए रोज सैकड़ो श्रद्धालु आते जाते रहते हैं और रामनवमी के समय बहुत ही बड़ा मेला लगता है 9 दिन का मेला दूर-दूर तक विख्यात है जहां पर भारत के अनेक राज्यों से लाखों लोग आते जाते रहते हैं पुरातत्व धरोहर स्थल होने के साथ-साथ महाकवि कालिदास जी का रचना स्थल भी माना जाता है बताया जाता है कि भगवान राम ने अपने वनवास काल के समय में कुछ समय रामगढ़ के पहाड़ियों पर भी बिताया था जिसका उल्लेख कई पुस्तकों पर एवं स्टोरियों पर देखने और सुनने को मिलेगा रामगढ़ पहाड़ी के संरक्षण एवं महाकवि कालिदास के रचना को संरक्षित करने के लिए शासन प्रशासन ने करोड़ों रुपए खर्च हर वर्ष कर रही है किंतु फिलहाल की स्थिति में रामगढ़ पहाड़ी पूरी तरह से जगह-जगह पहाड़ के चट्टानों में दरार पड़ता जा रहा है रामगढ़ पहाड़ पर रहने वाले बैगाओ ने बताया कि रामगढ़ पहाड़ी के पांच सात किलोमीटर दूर अदानी कोल माइंस खदान में ब्लास्टिंग होने के वजह से पूरे पहाड़ में कंपन भूकंप की तरह होता है जिससे पूरी पहाड़ी कांप उठती है उसी के वजह से पहाड़ के कई हिस्सों में बड़े-बड़े दरार पड़ गए हैं कई जगह पहाड़ चढ़ने वाले रास्तों में बड़े-बड़े चट्टान पड़ते हैं उन सभी में दरार पडने से खतरा मंडरा रहा है पहाड़ चढ़ने के लिए बने सीढ़ी देवगनगुरु सिंह द्वार पास एक बड़ा सा चट्टान टूटकर गिरने वाला है जिसका खबर आसपास के गांव वासियों को जैसे ही भनक लगा लोगों ने बैठक और आंदोलन शुरू कर दिया है आज दिनांक 29.7.2024 दिन सोमवार को ग्राम चकेरी में पूर्व देवनारायण सिंह एवं उसके नेतृत्व में रहने वाले लोगों ने बैठक कर कोल माइंस में हो रहे ब्लास्टिंग को रोकने एवं अडानी के विरोध में सीधे तरह से खड़े होकर संघर्ष करने और रामगढ़ पहाड़ी को बचाने के लिए तैयारी कर रहे है जिसमें बैठक में सैकड़ो लोग उपस्थित हुए है।