फिंगेश्वर(गंगा प्रकाश)। राजिम के दिव्यांग सक्षम आवासीय विद्यालय के बच्चों को शिक्षक खोमन सिन्हा ने मुंह मीठा कराया और पुष्प लेखनी भेंट कर उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी और कहा कि विश्व दिव्यांगता दिवस हर साल 3 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिवस दुनिया भर में दिव्यांगजनों के अधिकारों और सशक्तिकरण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है।दिव्यांगता एक ऐसी स्थिति है जिसमें कोई व्यक्ति शारीरिक, मानसिक या संवेदनात्मक रूप से अक्षम होता है। यह अक्षमता जन्मजात या बाद में हुई चोट या बीमारी के कारण हो सकती है।दिव्यांगजनों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिनमें से कुछ प्रमुख समस्याएं हैं। शिक्षा की कमी दिव्यांगजनों को अक्सर शिक्षा प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। रोजगार की कमी दिव्यांगजनों को अक्सर रोजगार प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। दिव्यांगजनों को अक्सर सामाजिक अलगाव का सामना करना पड़ता है।स्वास्थ्य सेवाओं की कमी,दिव्यांगजनों के अधिकारों की रक्षा के लिए कई कानून और नीतियां बनाई गई हैं। इनमें से कुछ प्रमुख अधिकार हैं दिव्यांगजनों को समानता का अधिकार है।शिक्षा का अधिकार दिव्यांगजनों को शिक्षा का अधिकार है। दिव्यांगजनों को रोजगार का अधिकार है।स्वास्थ्य सेवाओं का अधिकार दिव्यांगजनों को स्वास्थ्य सेवाओं का अधिकार है।विश्व दिव्यांगता दिवस हमें दिव्यांगजनों के अधिकारों और सशक्तिकरण के बारे में जागरूकता फैलाने का अवसर प्रदान करता है। हमें दिव्यांगजनों के प्रति सहानुभूति और समर्थन दिखाना चाहिए और उनके अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए।और हम सब जितना बन सके सहयोग मार्गदर्शन प्रोत्साहित करना चाहिए। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से शिक्षक खोमन सिन्हा भारत सिन्हा , उमेश्वरी साहू प्रधान पाठक विशेष शिक्षक अनिल मानिकपुरी संजय शुक्ला सुधा साहू कमलकांत लीलेश्वर मरकाम के साथ सक्षम दिव्यांग आवासीय विद्यालय राजिम के सभी शिक्षक गण उपस्थित रहे।