अरविन्द तिवारी

जांजगीर चांपा (गंगा प्रकाश)- नीम चौक सोनारपारा चांपा निवासी हरीश कुमार सोनी की द्वितीय सुपुत्री सुश्री अंकिता सोनी उर्फ प्रांशु को पुराना कालेज रोड स्थित सार्वजनिक मुक्तिधाम में स्वजातीय बंधुओं एवं गणमान्य नागरिकों ने अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित की। बताते चलें कि नगर के प्रतिभावान छात्रा कुमारी अंकिता सोनी (20 वर्षिया) का गत दिवस राजधानी रायपुर स्थित मेकाहारा अस्पताल में उपचार के दौरान निधन हो गया। रायपुर से एम्बुलेंस जैसे ही अंकिता सोनी का पार्थिव देह को लेकर नीम चौक स्थित निवास स्थल पर पहुंचा माहौल गमगीन था। परिजनों सहित भी लोगों की आंखों से आंसुओं की धारा निकल रही थी और एक दुसरे को सांत्वना दे रहे थे। वैदिक मंत्रोच्चारण और पूजा और दर्शन उपरांत शवयात्रा निकाली गई। मृतात्मा की शांति के लिए पुराना कालेज रोड स्थित सार्वजनिक मुक्तिधाम में शोक सभा आयोजित की गई। जहां उपस्थित सभी गणमान्य नागरिकों ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुये अंकिता के चले जाने को सोनी परिवार के लिये एक बहुत बड़ी क्षति बताया।प्रगतिशील स्वर्ण एवं रजत समिति चांपा के सचिव और शुभचिंतक शशिभूषण सोनी ने बताया कि प्रांशु बिटिया रानी उच्च शिक्षा प्राप्त कर चाटर्ड एकाउंटेंसी की परीक्षा के लिये तैयारियां के चलते बिलासपुर में कोचिंग कर रही थी। दो नवंबर को ही द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा की तैयारियों में व्यस्त थी। शाम को अपनी मम्मी पापा से अच्छें ढंग से परीक्षा संबंधी बातचीत की और अपने कमरे में विश्राम करने चली गई। अचानक मस्तिष्क में पढ़ाई के अत्यधिक दबाव के चलते तबीयत बिगड़ी। हास्टल में रहने वाली सहेलियों ने जब देखा तब परिजनों को सूचित किया और तुरंत प्राथमिक उपचार के लिये स्थानीय चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुये उन्हें रामकृष्ण केयर हांस्पिटल जीई रोड रायपुर में भर्ती किया गया। दो दिनों तक हालात में कोई सुधार नहीं दिखने व ज़्यादा तबीयत बिगड़ने की स्थिति में तुरंत मेकाहारा में उपचार के लिये स्थानांतरित किया गया। यहां तीन दिनों तक जीवन और मृत्यु के बीच अंकिता संघर्ष करती रही और अंततः जिंदगी से जंग हार गई। उन्होंने आगे बताया कि बचपन से ही मेघावी , चंचल , हंसमुख स्वभाव की अंकिता सबकी चहेती थी। अपने लक्ष्य के प्रति जागरूक और कठिन परिश्रम से सफलता प्राप्त करने के लिये हमेशा आगे रहने वाली घर-परिवार के कार्यों में भी हाथ बंटाती थी। हमेशा घूमने-फिरने की शौकिन अपनी व्यवहार कुशलता के चलते बाहरी सहेलियों की भी स्नेहिल बन जाती थी। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि परिवार को इस गहरे दुःख का सामना करने की शक्ति प्रदान करे तथा अंकिता के मृतात्मा को शांति प्रदान करे। वहीं पूर्व पार्षद श्रीमती शशिप्रभा सोनी ने अश्रुपूरित नेत्रों से बातचीत करते हुये कहा कि अंकिता इतनी जल्दी चली जायेगी , अल्पायु में ही बिना दुनियां देखे और सुख भोगे उनका चले जाना सहसा विश्वास नहीं हो रहा हैं। वे हम सबके दिलोदिमाग पर सदा रहेगी। उल्लेखनीय है कि सुश्री अंकिता सोनी बचपन से ही प्रतिभाशाली थीं। उसके मन मस्तिष्क में नई नई बातें और योजनायें चलती रहती थी और उस अवसर का लाभ उठाना बखूबी जानती थी। हमारे समाचार पत्र परिवार की ओर से उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित। ईश्वर उन्हें अपनी चरणों में स्थान दें।