खबरें सुन्नें के लिए बटन को दबाऐं PDF Download अभिव्यञ्जक के अधीन अभिव्यंग्य की अभिव्यक्ति होने पर भी अभिव्यञ्जक से अभिव्यंग्य की भिन्नता अवश्य ही सिद्ध है। WhatsApp Facebook 0 Twitter 0 0Shares Post navigation पुरी शंकराचार्य पुरी शंकराचार्य