फिंगेश्वर और ओडिसा के खाईवालों के संरक्षण में चलता हैं सारा खेल

विकास कुमार ध्रुव
छुरा/गरियाबंद(गंगा प्रकाश)। छुरा नगर सहित ग्रामीण इलाकों में इन दिनों सट्टे का अवैध कारोबार जोर शोर से चल रहा है। एक रुपए को अस्सी रुपया बनाने के चक्कर में खासकर युवा वर्ग अधिक बर्बाद हो रहे हैं। सट्टे के इस खेल को बढ़ावा देने सटोरी ग्राहकों को मुफ्त में स्कीम देखने सट्टे नंबर वाले चार्ट उपलब्ध करा रहे हैं। इसका गुणा भाग कर ग्राहक सट्टे की चपेट में बुरी तरह से फंस कर पैसा इस अवैध कारोबार में गंवा रहा है।फिंगेस्वर और ओडिसा के खाईवालों के चक्रव्यूह में लोग इस कदर फंस चुके हैं की इससे उबर नहींं पा रहे हैं। नगर में एक दो नही बल्कि चार खाईवाल लंबे समय से सट्टा संचालित कर रहे हैं। पुलिस और खाईवालों की मिलीभगत से यह अवैध कारोबार छुरा नगर सहित आस पास के ग्रामीण अंचल में पुरी तरह से चरम पर है। खाईवालों ने भी गांव व नगर में अपना-अपना जोन बंटा हुआ है। एक दूसरे के जोन में कोई दखल नहीं देता है।राजनैतिक पहुंच और पुलिस से सांठगांठ के चलते ये अवैध कारोबार को बाकायदा लाइसेंसी कारोबार के रूप में खुले आम छुरा नगर में संचालित हो रहा है।
खुलेआम चल रहा है सट्टे का कारोबार
कभी चोरी-छिपे चलने वाला सट्टा बाजार आजकल कानून की ढीली पकड़ की वजह से फिंगेस्वर और ओडिसा के खरियार रोड़ के खाईवाल के संरक्षण में खुलेआम संचालित हो रहा है। ओपन, क्लोज और रनिंग के नाम से चर्चित इस खेल में जिस प्रकार सब कुछ ओपन हो रहा है उससे यही प्रतीत होता है कि प्रमुख खाईवाल को कानून का कोई खौफ नहीं रह गया है। छुरा थाना क्षेत्र में इस खेल के बढ़ते कारोबार का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि महिलाएं एवं बच्चे भी दिन-रात अंकों के जाल में उलझे रहते हैं। प्रमुख खाईवाल के एजेंट जो पट्टी काटते हैं प्राय: हर गली-मोहल्ले में आसानी से पट्टी काटते नजर आते हैं।छुरा सहित सहित ग्रामीण क्षेत्रों में खुलेआम पट्टी काटकर एवं मोबाइल के माध्यम से भी इस अवैध कारोबार को संचालित कर लोगों की गाढ़ी कमाई पर डाका डाल रहे हैं जिसकी जानकारी शायद पुलिस को भी है। सट्टा पट्टी के हिसाब-किताब की जगह बार-बार बदल कर प्रमुख खाईवाल अपनी होशियारी का भी परिचय देने की कोशिश करते हैं।वैसे तो छुरा नगर में सात जगह सट्टा पट्टी का कार्य चलता है।जो इन दिनों काफी चर्चा में है आखिर वे कौन लोग है जिस के संरक्षण में खुलेआम सट्टा पट्टी का कार्य बिना रुकावट संचालित किया जा रहा है कहते हैं कि कानून का हाथ बहुत लंबा होता है कोई भी मुजरिम उनसे बच नहीं सकता लेकिन छुरा क्षेत्र में यह सिर्फ कहावत ही लगता है।पुलिस प्रशासन द्वारा जानबूझकर नजरअंदाज किया जा रहा है जिस कारण इन लोगों का हौसला चौथे आसमान पर है इन लोगों को डर ही नहीं है कि हमारे ऊपर भी कोई कार्यवाही हो सकती है अगर कोई कार्यवाही होती भी है।
सिर्फ 10 % के लालच में कुछ दुकानदार बन गए सट्टेबाज कमीशन एंजेट
गरियाबंद जिला को अपराध मुक्त बनाने जिले के पुलिस अधिकारी कमर तोड़ मेहनत कर रहे हैं। इधर गरियाबंद जिले के छुरा नगर में ही सट्टा का कारोबार काफी फूल रहा है।आपको बता दे कि छुरा नगर में महादेव घाट,जय स्तम्भ चौक,बाजार चौक में सट्टा का कारोबार काफी जोरो शोरो से चल रहा है लेकिन यहां छुरा थाना के पुलिस को गावो में कार्यवाही करने को फुर्सत नही है तो नगर के खाईवाल कहा से अपना कारोबार बंद करे।वही छुरा के कई सज्जन नेता,समाजसेवी,सेठ साहूकार ये भी कह रहे है कि उनके द्वारा कई दफा छुरा थाने में भी शिकायत की गई लेकिन अबतक कार्यवाही के नाम मे सिर्फ आश्वासन मिला है लेकिन कार्यवाही नही हुई है।इस सट्टे के कारोबार में 5 रु का 45 रु और 5 रु का 400 रु तक बन जाता है ।इसी लालच में आकर युवा आज इस सट्टे के घिनोने काम मे लिप्त हैं।
नगर में हो रही छोटी छोटी चोरियां- वजह छुरा में चल रहा सट्टा
छुरा नगर में आये दिन सट्टा का कारोबार चल रहा है ।जिसके चलते कुछ मजदूर वर्ग के लोग जब सट्टे में पैसा हार रहे हैं तो छोटी मोटी चोरियां कर उस पैसे से सट्टे में लगा रहे।बता दे नगर में सायकल चोरी व छोटी मोटी चोरी आम बात होगयी है।नगर वासी इन सबकी वजह सट्टा को मां रहे हैं।
सेठ साहूकार के नॉकर -चाकर भी इसमें लिप्त- सेठ के शिक़ायत के बाद भी कार्यवाही नही
छुरा नगर में सट्टा का कारोबार इस कदर हावी हो गया है कि नगर में व्यापार का एक वृहद क्षेत्र है । जिसमे सैकड़ो की संख्या में यहां पर आसपास गाँव के लोग दुकानों में काम करने आते हैं । एक सेठ ने नाम न छापने के शर्त में बताया कि उसके नॉकर चाकर भी इस सट्टे में लिप्त हैं।उनके द्वारा थाना में शिकायत की गई इस कारोबार के बारे में लेकिन छुरा थाना ने अबतक कार्यवाही नही की उनका ऐसा कहना है ।
व्हाट्सएप व ऑनलाइन बना बड़ा माध्यम
इस सट्टे के कारोबार में जो वर्तमान तकनीकी के जानकार है वे व्हाटसप के माध्यम से इस खेल में लिप्त हैं ।वही कुछ खेलने वाले बताते हैं कि ऐसे खेल ऑनलाइन माध्यम से भी खेला जाता है लेकिन उसमें ज्यादा रकम मिलता है।
सिर्फ 10 % के लालच में कुछ दुकानदार बन गए सट्टेबाज कमीशन एंजेट
सूत्रों के हवाले से बताते है यह धन्धा का चैन में कोई बड़ी कमाई भी नही है। खाईवाल सट्टा पट्टी लिखने वालों को मात्र 10 % ही देते हैं।जिसमे लिप्त छुरा नगर के कुछ छोटे मोटे दुकानदार शामिल हैं।उक्त कमीशन के चक्कर मे अपने दुकानदारी पर सट्टे की कालिख अपने दुकान में पोत डाले है।वही ज्यादा कमाई ऊपर बैठा खाईवाल करता है। यह सट्टा सोमवार से शनिवार तक चलता है ओर एंजेट रविवार को बन्द कर देते हैं।वही इस मामले में छुरा थाना प्रभारी टोप्पो मैडम से जानकारी ली गयी तो उनके द्वारा कड़ी कार्यवाही करने की बात कही गई ।