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भागवत दीवान 

कोरबा (गंगा प्रकाश)। जिले के शहरी इलाके हों या फिर ग्रामीण वन विभाग की टीम ने सांपों के रेस्क्यू के दौरान बड़ी तादाद में कोबरा की अलग-अलग प्रजातियों को पाया है। जिसके आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि कोरबा का वातावरण दुनिया के सबसे जहरीले विषधर कोबरा प्रजाति के सांपों के लिए एक सुरक्षित ठिकाना बन गया है। यह कोरबा की समृद्ध जैव विविधता का प्रमाण तो है ही, लेकिन साथ ही साथ कोबरा के रिहायशी इलाकों में प्रवेश से लोगों की जान भी मुश्किल में है।

कोबरा का जहर इतना खतरनाक होता है कि समय पर स्नैक वेनम नहीं मिला तो जान जाना तय है। कई मामलों में कोबरा के काट लेने के बाद हाथ पैर भी गलने लगते हैं।एक साल पहले कोरबा के वनांचल क्षेत्र लेमरू वाले इलाके में किंग कोबरा के मौजूदगी की पुष्टि हुई। यहां से वन विभाग को एक 18 फीट लंबा किंग कोबरा सांप मिला। किंग कोबरा हमारे पारिस्थितिक तंत्र में एक शीर्ष अधिकारी होता है। जो सांपों की अन्य प्रजातियों को भी नियंत्रित करता है.इसकी मौजूदगी से जानकार उत्साहित हैं. जबकि लोग भयभीत हैं, विभाग इनके संरक्षण की योजना भी तैयार कर रहा है।अब एक नई जानकारी सामने आई है जिसके अनुसार कोरबा जिले में न सिर्फ किंग कोबरा बल्कि कोबरा की अन्य प्रजातियों के सांप भी बड़ी तादाद में मिल रहे हैं।लेमरू वाले बेल्ट में किंग कोबरा मौजूद मिला। इसके बाद शहर के आसपास रामपुर, खरमोरा के साथ ही कोरबा और जांजगीर के सरहदी इलाकों में एस्पेक्टेकल्ड और मोनोक्लेड कोबरा प्रजातियों के सांपों को पाया गया। वन विभाग के लिए जितेंद्र सारथी की टीम सांपों के रेस्क्यू का काम करती है। जिन्हें जिले के कई इलाके से रेस्क्यू के दौरान कोबरा प्रजाति के सांप मिले है।

500 से अधिक कोबरा मिले

सांपों के रिहायशी इलाकों में प्रवेश और रेस्क्यू का सीजन बरसात के शुरू होने के साथ ही शुरू हो जाता है। इस तरह जुलाई के मध्य से लेकर अब तक स्नेक रेस्क्यू टीम को 500 से अधिक कोबरा सांप रेस्क्यू के दौरान मिले हैं। स्नेक रेस्क्यू टीम के लीडर जितेंद्र सारथी कहते हैं कि कोरबा में किंग कोबरा के साथ ही अन्य प्रजाति के कोबरा की भी भरमार हो चुकी है। इस वर्ष बीते 3 महीनों के दौरान उन्होंने लगभग 2500 रेस्क्यू किया है। जिसमें से हमें 500 से भी अधिक कोबरा सांप मिले हैं। जिसमें एस्पेक्टेकल्ड और मोनोक्लेड कोबरा की प्रजाति अधिक हैं। जिले में किंग कोबरा के अलावा अन्य कोबरा की प्रजातियों को सामान्य तौर पर पाया जाने लगा है।

बनाई जा रही कार्य योजना

इस विषय में कोरबा वन मंडल के वन अधिकारियों का कहना है कि किंग कोबरा की मौजूदगी कोरबा जिले में है यह गर्व का विषय भी है। यह सिर्फ विभाग की नहीं लोगों की भी जिम्मेदारी है, कि इसे संरक्षित किया जाए। किंग कोबरा दुनिया के अपेक्स स्पेशिस में शामिल है। जिले में अन्य प्रकार के कोबरा भी पाए जा रहे हैं। विभाग प्रयास है कि इस जीव को संरक्षित किया जाए, इसके लिए विभाग कार्ययोजना भी तैयार कर रहा है। लोगों को भी जागरूक कर रहे हैं।

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