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जरूरी दस्तावेज तैयार करने ताकि  पायलीखंड हीरा खदानों  की  रोक हटे

 

 मैनपुर (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ सरकार देवभोग के पायलीखंड हीराखदान की शुरू करने की कवायद में जुट गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खनिज अफसरों से कहा है कि गरियाबंद जिले में पायलीखंड की हीरा खदान पर कोर्ट से लगी रोक को हटाने के लिए जरूरी दस्तावेज तैयार कर प्रक्रिया शुरू की जाए। पायलीखंड और बेहराडीह में हीरे की मौजूदगी 1992 में स्पष्ट हो चुकी थी । लीज जारी करने और खुदाई शुरू करने के दौरान 2008 में मामला दिल्ली ट्रिब्यूनल ऑफ माइनिंग में है और इस वजह से खनन पूरी तरह से बंद है। सीएम ने  राज्य स्तरीय निगरानी समिति और डीएमएफ फंड को लेकर हुई बैठक में खनिज अफसरों को यह निर्देश दिए।

आबाद हीरे की भंडार का हुआ है प्रमाण 

दरअसल गरियाबंद जिले के पायलीखंड और बेहराडीह से लगे 6 स्थानों में 40 हजार वर्गमीटर क्षेत्रफल में हीरे के भंडार प्रमाणित हैं और तत्कालीन मध्यप्रदेश सरकार ने 1992 में खुदाई के लिए कोशिश शुरू की थी। अफ्रीका के बाद सेकंड क्वालिटी के हीरे पायलीखंड- बेहराडीह में अफ्रीका के बाद दूसरे नंबर की क्वालिटी का हीरा है। 1992 में तत्कालीन मध्यप्रदेश सरकार ने एरियल सर्वे के बाद लीज दी थी। डोबियर्स कंपनी ने बड़ा सर्वे कर वहां हाई क्वालिटी हीरा होने की पुष्टि की।

अवैध खुदाई जारी, हर साल हो रही लाखों के हीरे की तस्करी 

आए दिन खबरों से पता चलता है। लगातार मैनपुर क्षेत्र के  हीरा खदानों में अवैध रूप से खनन कर तस्करी किया जा रहा है।  शासन प्रशासन  इससे भली-भांति  अवगत है।  इस तरह से अवैध खनन का कारोबार कई सालों से चलता आ रहा है खदान पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो गई है खदान से लगे जंगलों का विनाश हो रहा है। हीरा तस्कर हीरे की लालच में जमीन खोदकर बड़े-बड़े गड्ढे (खोहरा) बना दिया गया है जिससे आसपास से लगे विशालकाय पेड़ भी गट्टे बनाने की वजह से जड़ सहित उखड़ कर गिर गए हैं । खदान के चारों तरफ सुरक्षा के लिए फैंसिंग पोल गढ़ाया गया था वह भी जर्जर होकर ध्वस्त हो गया है खदान की सुरक्षा भगवान भरोसे है। जहां तक सुरक्षा गार्डों के लिए बनाया गया टीना सेड भी खुदाई के दौरान टूट कर गिर चुका है।

क्षेत्र के लोगों को रोजगार व विकास की सरकार से असीम संभावनाएं

क्षेत्रीय युवाओं को छत्तीसगढ़ सरकार से असीम अपेक्षा है कि जिस तरह से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार आते ही छत्तीसगढ़ का चहुमुखी विकास हो रहा है वहीं सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं को संचालन की जा रही है जिस तरह से सरकार पायलीखंड हीरा खदान का  काम की शुरुआत करने की पहल की है उससे पता चलता है छत्तीसगढ़ सरकार की संवेदनशीलता से  योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचेगा और क्षेत्रीय युवाओं को रोजगार का अवसर मिलेगा ऐसी संभावनाएं छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से नजर आ रही है जिस तरह पिछले वर्ष 2005 में बी विजय कुमार छत्तीसगढ़ एक्सप्लोरेशन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा क्षेत्र में सर्वे का काम की शुरुआत की गई थी। जिसमें 300 से अधिक बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिला था लेकिन अनेक आपत्तियों के चलते सर्वे का काम बंद हो गया था।  लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार की पहल से एक तरह से गांव के युवाओं को में उत्साह नजर आ रहा है एक बार फिर सरकार की पहल से उन्हें रोजगार मुहैया कराया जाएगा यही आशा और विश्वास से क्षेत्र में खुशी की लहर है।

क्षेत्र में पक्की सड़क पानी स्कूल बिजली मिलने की भी संभावना बढ़ेगी

पायलीखंड ग्राम में सरकार की पहल से पायलीखंड में हीरा की खदान का काम शुरू होने से एक तरह से लोगों में खुशी तो है परंतु उन्हें इस बात की खुशी ज्यादा है की उन्हें पक्की सड़क पानी स्कूल बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं को ही मिलने की संभावनाएं ज्यादा होंगी जिस तरह से आज देखा जा रहा है की पायलीखंड में जाने का रोड की हालत जर्जर है जहां ढंग से सड़क है और ना ही बिजली की व्यवस्था है और खदान व गांव तक जाने का रास्ता में बड़ी नदी होने के कारण गांव तक जाना असंभव होता है ऐसे में लोगों में उम्मीद जगी है की छत्तीसगढ़ सरकार की पहल से गांव की स्थिति सुधर जाएगी और लोगों को रोजगार मुहैया के साथ अनेकों लाभ होंगे।

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