Sanjay Kapoor Death Reason: अभिनेत्री करिश्मा कपूर के पूर्व पति और बिजनेसमैन संजय कपूर का गुरुवार को इंग्लैंड में निधन हो गया। 53 साल के संजय कपूर की मौत हार्ट अटैक से हुई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब वह पोलो मैच खेल रहे थे तो उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी। उन्होंने तुरंत मैच रोककर मैदान छोड़ दिया लेकिन थोड़ी ही देर में उन्हें हार्ट अटैक आ गया। कुछ रिपोर्ट्स दावा करते हैं कि मैच के दौरान संजय कपूर के मुंह में एक मधुमक्खी चली गई थी, जिसने उनके गले में डंक मारा। उससे उनकी तबीयत खराब होने लगी, गले में सूजन आई और कार्डियक अरेस्ट आ गया।

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ये कोई पहला मामला नहीं है जब कोई कीड़ा जानलेवा बन गया। यह समस्या आम है, शरीर में किसी कीड़े, मच्छर या मधुमक्खी का जाना जानलेवा हो सकता है। संजय कपूर के मामले में यदि वाकई मधुमक्खी उनके मुंह में गई और उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ, तो यह एनाफाइलैक्सिस (Anaphylaxis) के कारण हुआ एक मेडिकल इमरजेंसी केस माना जा सकता है। यह दुर्लभ है, लेकिन ऐसी घटनाएं मेडिकल साइंस में दर्ज हैं और इसका इलाज समय पर न मिले तो यह घातक हो सकता है।

मधुमक्खी के कारण कैसे जा सकती है जान?

मधुमक्खी के डंक से कार्डियक अरेस्ट संभव

एनाफाइलैक्सिस की स्थिति एक गंभीर एलर्जिक रिएक्शन है। मधुमक्खी के डंक में जहर होता है, जो कुछ लोगों में बहुत तेज एलर्जिक प्रतिक्रिया पैदा कर सकता है। जब मधुमक्खी मुंह या गले के अंदर डंक मारती है तो पूरे शरीर में तेज एलर्जी रिएक्शन शुरू हो सकता है और ब्लड प्रेशर तेजी से गिरता है। गंभीर एलर्जिक रिएक्शन के कारण हृदय गति रुक सकती है और कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ सकता है।

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ऑक्सीजन की कमी

अगर मधुमक्खी या कोई कीड़ा श्वास नली में चला जाए तो भा जानलेवा स्थिति आ सकती है। मधुमक्खी के गले, श्वास नली या फेफड़ों तक पहुंचने की स्थिति में सांस रुकने की नौबत आ सकती है। वायुमार्ग में सूजन के कारण हवा का प्रवाह रुक जाता है, यह स्थित हाइपोक्सिया यानी आक्सीजन की कमी मानी जाती है। मस्तिष्क और हृदय को ऑक्सीजन न मिलने से हृदय गति रुक सकती है।

एनाफिलेक्टिक शॉक 

जिन लोगों को मधुमक्खी के डंक से एलर्जी होती है, उनके लिए यह जानलेवा हो सकता है। इस स्थिति में ब्लड प्रेशर गिर जाता है, सांस घुटने लगती है और आपातकालीन इलाज की जरूरत पड़ती है.

क्या हैं लक्षण?

  • गले में सूजन या खराश
  • सांस लेने में कठिनाई या घरघराहट
  • चेहरे, होंठ या जीभ की सूजन
  • शरीर पर लाल चकत्ते या खुजली
  • चक्कर आना या बेहोशी

इस स्थिति में क्या किया जा सकता था?

  • संजय कपूर जैसी स्थिति का सामना किसी को भी करना पड़ सकता है। उनकी स्थिति में पैनिक न होकर सबसे पहले मधुमक्खी को बाहर निकालने की कोशिश करनी चाहिए थी।
  • इस तरह का डंक वाला कीड़ा या मधुमक्खी मुंह या नाक के जरिए शरीर में चला जाने की स्थिति में तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए था।
  • सांस लेने में दिक्कत होने पर तुरंत एंबुलेंस या मेडिकल सहायता लेनी चाहिए थी।। साथ ही ऐसी स्थिति में तुरंत सीपीआर दिया जा सकता था।
  • इस स्थिति में इमरजेंसी मेडिकल केयर यानी ऑक्सीजन, आईवी फ्यूड्स और हार्ट मॉनिटरिंग आदि की जरूरत पड़ सकती है।

 

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