गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। जिले के पिपरछेड़ी कला धान उपार्जन केंद्र में रिश्वतखोरी का मामला उजागर हुआ है। किसान उमेश कुमार वर्मा की शिकायत पर कलेक्टर ने त्वरित कार्रवाई करते हुए समिति प्रबंधक पुराणिक निर्मलकर को निलंबित कर दिया है। इस घटना ने सरकारी धान खरीदी प्रक्रिया में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है।
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किसान उमेश वर्मा ने बताया कि उपार्जन केंद्र में उनके धान में 17.5% नमी बताकर प्रबंधक ने पंचनामा तैयार किया और धान वापस ले जाने या मंडी में सुखाने का निर्देश दिया। प्रबंधक ने “चाय-पानी” के नाम पर 2,200 रुपये की मांग की और पैसे न देने पर धान अस्वीकार करने की धमकी दी। अंततः 2,000 रुपये रिश्वत लेकर टोकन और बारदान दिया गया।
कलेक्टर के निर्देश पर जांच हुई, जिसमें प्रबंधक दोषी पाए गए। आदिम जाति सेवा सहकारी समिति के प्राधिकृत अधिकारी ने प्रबंधक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। निलंबन आदेश में प्रबंधक को जीवन निर्वहन भत्ता देने और मुख्यालय पिपरछेड़ी कला समिति ही रखने का प्रावधान है।
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कलेक्टर ने जिले के सभी धान उपार्जन केंद्रों पर निगरानी बढ़ाने और भ्रष्टाचार की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इस कार्रवाई ने किसानों का प्रशासन पर भरोसा बढ़ाया है और इसे अन्य भ्रष्टाचारियों के लिए चेतावनी माना जा रहा है।