गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। जिले में इन दिनों कड़ाके की ठंड ने अपना प्रचंड रूप दिखाना शुरू कर दिया है। बीते कुछ दिनों से लगातार तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। सुबह और रात के समय ठिठुरन इतनी बढ़ जा रही है कि आम जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया है। ठंड से बचने के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं। नगर के चौक–चौराहों, बस स्टैंड, बाजार, अस्पताल परिसर और ग्रामीण क्षेत्रों में जगह–जगह अलाव जलते नजर आ रहे हैं।
सुबह तड़के और देर रात काम पर निकलने वाले मजदूर, रिक्शा चालक, ऑटो चालक, ठेले–खोमचे वाले और सड़क किनारे जीवन यापन करने वाले लोग ठंड से सबसे अधिक प्रभावित हैं। ठंड से राहत पाने के लिए लोग लकड़ी, सूखी टहनियां और कचरा जलाकर आग तापते दिखाई दे रहे हैं। कई स्थानों पर लोग अलाव के पास बैठकर चाय, काफी और सूप का आनंद लेते हुए ठंड से बचाव करते नजर आ रहे हैं।
वार्ड 8 में स्थानीय स्तर पर अलाव की व्यवस्था
नगर के वार्ड क्रमांक 8 में पार्षद के सहयोग से स्थानीय लोगों द्वारा अलाव की व्यवस्था की गई है। यहां सुबह से लेकर देर रात तक लोग आग तापते नजर आते हैं। स्थानीय नागरिकों ने बताया कि ठंड बढ़ने के बाद उन्होंने आपसी सहयोग से लकड़ी और ईंधन की व्यवस्था कर अलाव जलाना शुरू किया, जिससे लोगों को काफी राहत मिल रही है।
नगर में अलाव की पर्याप्त व्यवस्था का अभाव
हालांकि, पूरे नगर की बात करें तो नगर पालिका प्रशासन की ओर से अलाव की पर्याप्त और व्यवस्थित व्यवस्था नहीं की गई है। कई प्रमुख चौराहे, बस स्टैंड, बाजार क्षेत्र और भीड़भाड़ वाले इलाके ऐसे हैं, जहां अब तक सरकारी स्तर पर अलाव की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। ऐसे में गरीब, बेसहारा, वृद्ध और असहाय लोगों को अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
ठंड से बढ़ रही बीमारियों की आशंका
डॉक्टरों के अनुसार लगातार बढ़ती ठंड से सर्दी, खांसी, बुखार, दमा और जोड़ों के दर्द जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। खासकर बुजुर्गों और बच्चों को अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। ठंड के चलते सुबह स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों और बाहर काम करने वाले मजदूरों की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं।
नागरिकों ने नगर पालिका से की व्यवस्था बढ़ाने की मांग
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने नगर पालिका से मांग की है कि शीघ्र ही नगर के सभी प्रमुख सार्वजनिक स्थलों—बस स्टैंड, बाजार, अस्पताल, तहसील परिसर, रेलवे फाटक, वार्डों के प्रमुख चौक और स्लम क्षेत्रों में अलाव की स्थायी एवं नियमित व्यवस्था की जाए। साथ ही जरूरतमंदों को कंबल वितरण की भी मांग उठाई जा रही है, ताकि गरीब तबके को ठंड से कुछ राहत मिल सके।
