एमसीबी (गंगा प्रकाश)। जिले के मनेंद्रगढ़ ब्लॉक के चैनपुर उपार्जन केंद्र में इस वर्ष समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की शुरुआत ने किसानों के बीच उत्साह और विश्वास का नया माहौल तैयार किया है। सुव्यवस्थित व्यवस्था, पारदर्शी प्रक्रिया और किसान हितैषी नीतियों के कारण किसानों के चेहरों पर स्पष्ट रूप से संतोष झलक रहा है। इसी सकारात्मक परिवर्तन का प्रतीक बने हैं भलौर के प्रगतिशील किसान गुरपत कुमार, जिनका अनुभव इस खरीदी प्रणाली की वास्तविक सफलता को दर्शाता है।

सुव्यवस्थित धान खरीदी ने बढ़ाया विश्वास

गुरपत कुमार आज अपने 100 क्विंटल धान के साथ चैनपुर उपार्जन केंद्र पहुँचे। जैसे ही उन्होंने खरीदी प्रक्रिया शुरू की, यह स्पष्ट हुआ कि इस वर्ष मंडी संचालन में उल्लेखनीय सुधार किए गए हैं। मंडी में प्रवेश से लेकर तौल-कांटा तक की पूरी प्रक्रिया तेज, साफ-सुथरी और व्यवस्थित रही। पर्याप्त बारदाना, सटीक तौल, कर्मचारियों का सहयोगी रवैया इन सब ने किसानों के मन में यह भरोसा मजबूत किया कि शासन की नीतियाँ अब जमीन पर सही तरीके से लागू हो रही हैं।

सुविधाओं से सजा उपार्जन केंद्र बना भरोसे का आधार

इस वर्ष उपार्जन केंद्र को विशेष रूप से किसान सुविधाओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया। स्वच्छ पेयजल, छाया में बैठने की व्यवस्था, भीड़ और अव्यवस्था पर नियंत्रण, इन सुविधाओं ने किसानों की थकान और चिंता दोनों कम की हैं। कतारें पहले की तुलना में छोटी थी और हर किसान को उसके क्रम के अनुसार आसानी से सेवा मिल रही थी। गुरपत कुमार ने खुशी से कहा, “इस बार की खरीदी व्यवस्था किसानों को ध्यान में रखकर बनाई गई है। हम आराम से आकर धान बेच रहे हैं। देरी, भीड़, अव्यवस्था-सब खत्म हो गई है।

3100 रुपये समर्थन मूल्य से बढ़ी आर्थिक मजबूती

राज्य सरकार द्वारा घोषित 3100 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य ने किसानों की आर्थिक स्थिति को नई मजबूती दी है। 100 क्विंटल धान बेचने पर गुरपत को लगभग 3,10,000 रुपये प्राप्त होने का अनुमान है। यह राशि- परिवार की आवश्यकताओं को पूरा करने, कृषि उपकरण खरीदने, अगली फसल के निवेश, और आर्थिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण योगदान देगी। गुरपत कहते हैं- “समर्थन मूल्य ने किसानों के मन में उत्साह जगाया है। हमारी मेहनत का सही मूल्य मिलना ही हमारे लिए सबसे बड़ी राहत है।

ऑनलाइन-ऑफलाइन टोकन प्रणाली ने खत्म की अव्यवस्था

टोकन प्रणाली इस वर्ष खरीदी की सबसे बड़ी सफलता साबित हुई है। किसानों को ऑनलाइन और ऑफलाइन-दोनों विकल्प उपलब्ध कराए गए, जिससे लंबी कतारों और इंतजार की समस्या काफी हद तक समाप्त हो गई।
गुरपत बताते हैं- “मेरा टोकन समय पर कट गया। न भीड़, न धक्का-मुक्की, न घंटों इंतजार। पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और तेज रही।” पहले जहाँ टोकन कटने में तकनीकी दिक्कतें आती थीं, इस वर्ष वह परेशानी पूरी तरह समाप्त दिखाई दी।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को किसानों का सलाम

गुरपत कुमार ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा किसानों के लिए उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए कहा कि- “मुख्यमंत्री जी की नीतियों ने साबित कर दिया है कि सरकार वास्तव में किसानों के हित में काम कर रही है। सुविधाएँ बढ़ीं, प्रबंधन बेहतर हुआ और समर्थन मूल्य से हमें वास्तविक आर्थिक मजबूती मिली है।

पूरे क्षेत्र में उत्साह और भरोसे का माहौल

चैनपुर उपार्जन केंद्र में केवल गुरपत ही नहीं, बल्कि अन्य किसान भी इस वर्ष की पारदर्शी और सुचारू खरीदी प्रणाली से अत्यंत संतुष्ट हैं। समय पर टोकन, सुविधाजनक परिसर, पारदर्शी तौल और समर्थन मूल्य की घोषणा ने किसानों के मन में यह दृढ़ विश्वास स्थापित किया है कि सरकार उनकी मेहनत का सम्मान कर रही है। किसानों का कहना है कि इस व्यवस्था ने उन्हें नई ऊर्जा, सुरक्षा और भविष्य की योजनाओं को लेकर आत्मविश्वास प्रदान किया है।

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