गरियाबंद/देवभोग (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़–ओडिशा की सीमा एक बार फिर धान तस्करों के लिए सुरक्षित ठिकाना नहीं रह गई। देवभोग पुलिस की सतर्क निगाहों ने ऐसा शिकंजा कसा कि तस्करों को ट्रक घुमाकर बीच रास्ते ही धान खाली करना पड़ा और 400 कट्टा अवैध धान ट्रक सहित सरकारी कब्जे में आ गया। यह पूरा मामला उड़ीसा के चांदाहांडी थाना क्षेत्र के ग्राम जामलीपारा के पास का है।
दरअसल, देवभोग पुलिस को यह सूचना मिली थी कि सीजी-ओडिशा बॉर्डर से लगभग 500 मीटर भीतर एक ट्रक में अवैध रूप से भारी मात्रा में धान डंप किया गया है, जिसे चोर-छिपे पिकअप वाहनों के जरिए छत्तीसगढ़ में खपाने की तैयारी चल रही है। यह वही इलाका है जहां पहले भी तस्करी के कई प्रयास सामने आ चुके हैं।
पुलिस की आहट, तस्करों की भगदड़
सूचना मिलते ही देवभोग थाना पुलिस बिना देर किए हरकत में आ गई। मुखबिर के बताए ठिकाने की ओर जैसे ही पुलिस टीम बढ़ी, तस्करों को भनक लग गई। नतीजा यह हुआ कि मौके पर खड़े ट्रक को तुरंत घुमाया गया और चांदाहांडी के आसपास धान आनन-फानन में खाली कर दिया गया, ताकि सबूत मिटाए जा सकें।
लेकिन तस्करों की यह चाल ज्यादा देर तक सफल नहीं हो सकी।
दो राज्यों की संयुक्त कार्रवाई
स्थिति की गंभीरता को समझते हुए देवभोग पुलिस ने तत्काल चांदाहांडी थाना पुलिस और फूड सप्लाई ऑफिसर को मौके पर बुलाया। दोनों राज्यों की पुलिस की मौजूदगी में मौके से कुल 400 कट्टा अवैध धान बरामद किया गया। इसके बाद कानूनी प्रक्रिया पूरी कर धान और ट्रक को चांदाहांडी पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया।
सस्ता धान–महंगा खेल
बताया जा रहा है कि यह धान कम दाम में खरीद कर अधिक कीमत पर खपाने का खेल था, जिसमें सीमावर्ती इलाकों का फायदा उठाया जा रहा था। धान की यह खेप यदि छत्तीसगढ़ में खप जाती, तो इससे न केवल शासन को राजस्व का नुकसान होता, बल्कि स्थानीय किसानों के हितों पर भी सीधा असर पड़ता।
पुलिस का साफ संदेश – अब नहीं बचेगी तस्करी
पुलिस अधिकारियों ने दो टूक शब्दों में कहा है कि सीमा पर धान तस्करी के खिलाफ हमारी निगरानी और सख्त होगी। ऐसे तत्वों के लिए अब कोई रास्ता आसान नहीं होगा।
आने वाले दिनों में बॉर्डर एरिया में चेकिंग, पेट्रोलिंग और मुखबिर तंत्र को और मजबूत किया जाएगा।
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