रायपुर। केंद्र सरकार देश में एयरपोर्ट निजीकरण की अगली बड़ी प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। इस चरण में 11 एयरपोर्ट्स को बंडल मॉडल के तहत निजी कंपनियों के हवाले करने का प्रस्ताव तैयार है। सूत्रों के अनुसार, इस पर अंतिम निर्णय पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप एप्राइजल कमेटी (PPPAC) द्वारा लिया जाएगा।
ट्रांजैक्शन एडवाइजर की रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई
रिपोर्ट के मुताबिक, निजीकरण प्रक्रिया से जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण ट्रांजैक्शन एडवाइजर की रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई है। इसके बाद अब फाइल आगे बढ़ाने का रास्ता साफ हो गया है।
वित्त वर्ष 2025-26 के अंत तक प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य
केंद्र सरकार की कोशिश है कि एयरपोर्ट निजीकरण का यह नया चरण अगले वित्त वर्ष 2025-26 के अंत तक पूरा कर लिया जाए। इससे देश के हवाई ढांचे में सुधार, बेहतर सुविधाएं और उन्नत प्रबंधन की उम्मीद जताई जा रही है।
बंडल मॉडल के तहत होंगे एयरपोर्ट्स का प्रबंधन
सरकार ने संकेत दिया है कि इस बार भी एयरपोर्ट्स को बंडल मॉडल पर निजी कंपनियों को सौंपा जाएगा। इस मॉडल में बड़े और छोटे एयरपोर्ट्स को एक साथ शामिल कर निजी कंपनियों को संचालन, रखरखाव और विकास की जिम्मेदारी दी जाती है।
