
गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। लोक आस्था सेवा संस्थान गरियाबंद एवं संगवारी महिला मंच के सयुक्त तत्वधान में पीएचएफ के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जिला स्तरीय संगवारी महिला मंच सम्मेलन का आयोजन ऑक्सन हॉल गरियाबंद में किया गया। जिसमे 600 महिलाएं शामिल थे। कार्यक्रम की शुरुवात गीत एवं मंचासीन अतिथियों का स्वागत कर किया । जिसके बाद संस्था प्रमुख हेमनारायण मानिकपुरी ने कार्यक्रम के उद्देश्य के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कैसे शुरू हुआ और महिलाओं ने अपने हक की लड़ाई के लिए कैसे संघर्ष किए और 8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में घोषित किया गया । महिलाओं को सम्मान एवं बराबरी के लिए कैसे अपनी आवाज को बुलंद करें और खामोशी को तोड़े इस पर प्रेरित किया। संस्था के सचिव लता नेताम ने सभी को महिला दिवस की बधाई देते हुए कहा कि हर वर्ष की भांती इस वर्ष माना रहे जिसमें पूरे विश्व में महिलाओं की उपलब्धियां के तौर पर मनाया जाता हैं, कानूनी तौर पर हमे बहुत सारे अधिकार मिला है लेकिन महिलायें हक से वंचित क्यों है ? इस पर जानकारी दिया और महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए क्या करनी चाहिए जिससे वे एक साथ मिलकर अपनी आवाज को बुलंद कर सके । अपर जिला एवं सत्र न्यायालय गरियाबंद के न्यायधीश श्रीमती ताजेश्वरी देवी देवांगन ने सभी को महिला दिवस की बधाई देते हुए कहा केवल महिला दिवस मानने से महिलाओं को अधिकार नहीं मिलेगा इसके लिए सभी महिलाओं को आगे आना होगा। आज महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी परचम लहरा रही है और पुरुष के साथ कदम से कदम मिला कर चल रही है । एक महिला अगर शिक्षित होता है तो पूरा परिवार को शिक्षित बनाता है। सरकार भी बहुत प्रयास कर रहा है की महिलाए को उनकी अधिकार मिले और आगे आए । महिलाओं की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए बहुत सारी कानून बना है जिसमे से टोनही प्रताड़ना अधिनियम, पॉक्सो एक्ट, दहेज प्रताड़ना, बाल विवाह के बारे में विस्तार से जानकारी दिया। बीच बीच में बालिकाओं के द्वारा मनमोहक सास्कृतिक प्रस्तुति दिया। इसके बाद महिला महिला संरक्षण अधिकारी लता पटेल ने घरेलू हिंसा के बारे में विस्तार जानकारी दिया, सखी सेंटर से किरण पांडे ने 181 सेवा के बारे में तथा किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य ने महिला को प्रोत्साहित किया । तत्पचात महिलाओं को उत्सव के रूप में खेल का भी आयोजन विजेता टीम को प्रोत्साहित किया गया। संगवारी महिला मंच से देवकी, भूमिका, फूलो बाई, धिरजा बाई ने मंच के माध्यम से संघर्ष की कहानी बताई। कार्यक्रम में संस्था के कार्यकर्ता तुलेश्वर, पोषण, निसार,पोखन, नंदनी, धनीराम, युवराज, अनिल, निशा का विशेष योगदान रहा।
