

रज्जाक अली ने हाई कोर्ट में संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत विट याचिका दायर करवाई..
अली ने छत्तीसगढ़ राज्य गृह सचिव को सूचना देते हुए षड्यंत्रकारियों के विरुद्ध कार्यवाही करने को लेकर लिखा पत्र..
जावेद अली की रिपोर्ट
रज्जाक अली का कहना है कि कोरबा जिले में बीते कुछ माह पूर्व चुनाव के समय वह चुनाव प्रचार प्रसार कर रहा था तभी कोरबा जिला प्रशासन में बैठे उच्च अधिकारियों के द्वारा छल, कपटपूर्वक तथा षड्यंत्र करते हुए षड्यंत्रकारियों ने मिलीभगत कर उन्हें 1 साल के लिए जिला बदर कर दिया गया। जिसके विरुद्ध रज्जाक अली ने हाईकोर्ट में विट याचिका दायर करवाई गई है, इतना ही नहीं उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य गृह सचिव को भी षड्यंत्र कारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने को लेकर पत्र लिखा है।

रज्जाक अली अपने आवेदन में यह लिखा है पढ़िए पूरी ब्रेकिंग खबर..
न्यायालीन कार्यवाही के दौरान अपराधिक षड्यंत्र कर प्रार्थी को उसके शरीर प्रतिष्ठा और संपत्ति को क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से कपटपूर्वक बनावटी असत्य तथ्य जानते हुए मिथ्या साक्ष्य के आधार पर अजीत बसंत जिला दंडाधिकारी कोरबा, सिद्धार्थ तिवारी पुलिस अधीक्षक कोरबा, सुमन लाल पोया थाना प्रभारी सिविल लाइन रामपुर जिला कोरबा, एम. वी पटेल थाना प्रभारी सिटी कोतवाली कोरबा के विरूद्ध धारा 231, 233, 236, 237 240, 242, 246, 248, 257 भारतीय न्याय संहिता के तहत अपराध दर्ज करवाए जाने के संबंध में छत्तीसगढ़ राज्य गृह सचिव को आवेदन प्रस्तुत की गई है।
जिला कोरबा (समाचार)। प्रार्थी रज्जाक अली पिछले कुछ दशक से जनपद पंचायत करतला के अंतर्गत गाँव में रहने वाले ग्रामीणों की निस्वार्थ भाव से सेवा करता आ रहा है और उसकी निस्वार्थ सेवा का प्रतिसाद उक्त ग्रामीण जनता के द्वारा पिछले 20 वर्षों से जनपद पंचायत के चुनाव में मुझे तथा मेरे सहयोगियों को जीता कर लगातार पूर्ण बहुमत से सेवा का अवसर देती आ रही है।
प्रार्थी रज्जाक अली वर्ष 2005 से 2010 तक जनपद पंचायत करतला का उपाध्यक्ष रहा है एवं वर्तमान में क्षेत्र क्रमांक 17 तरदा, भैसामुड़ा एवं संडेल का जनपद सदस्य है। प्रार्थी रज्जाक अली की पत्नी समीना रज्जाक अली जनपद पंचायत करतला वर्ष 2015 से वर्तमान समय तक उपाध्यक्ष है। प्रार्थी एक जनप्रतिनिधि होकर राजनीतिक, सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों के प्रति श्रद्धा रखने वाला व्यक्ति है तथा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में रहने वाले जरुरतमंद लोगों के मध्य सुख दुख में सहयोग करते हुए शांतिपूर्ण ढंग से जीवनयापन करते चला आ रहा है। अनावेदक स्वयं अपने से कई योजना चला रहा है जिसमें स्वास्थ्य सुविधा, यातायात सुविधा, शिक्षा आदि है। प्रार्थी कोविड-19 वैश्विक महामारी के समय लगभग 10 ग्राम पंचायतों में आलू , प्याज बंटवाया है और जरुरतमंद लोगो को आर्थिक मदद किया है। प्रार्थी के विरुद्ध वर्ष 2012 से वर्ष 2024 तक (12 वर्ष) किसी भी थाना या चौकी में कोई मामला या शिकायत नहीं है। प्रार्थी एक जन नेता है जो शांति व्यवस्था बनाए रखने में विश्वास रखता है।
प्रार्थी की लगातार क्षेत्र में जीत का अवसर देखते हुए सत्ता पक्ष के लोग प्रार्थी की जीत को हजम नहीं कर पा रहे हैं। इस कारण से यह देखते हुए कि प्रार्थी किसी भी तरह की अपराधिक गतिविधियों में पिछले 12 वर्षों से लिप्त नहीं है और समाज की मूल धारा में जुड़ कर दीन दुखिया लोग जो समाज के शोषण के शिकार है उन ग्रामीणों की जीवन शैली को ऊपर लाते हुए सेवा भाव से उनकी मदद करते जा रहा है और हिन्दू मुस्लिम सौहार्द को नयी दिशा प्रदान कर जनता के बीच लोकप्रियता की नयी ऊंचाइयों प्राप्त किया।
प्राधी की लोकप्रियता को खत्म करने पर उद्देश्य से यह देखते हुए की प्रार्थी किसी भी अपराधिक गतिविधियों में लिप्त नहीं है। वर्ष 2012 में प्रार्थी के विरुद्ध पहली जिला बदर की कार्यवाही शुरू की गयी और उक्त कार्यवाही दिनांक 23/07/2012 को यह पाते हुए की प्रार्थी आम नागरिक की तरह जीवनयापन कर रहा है। इसलिए जिला बदर का प्रकरण समाप्त कर दिया गया है।
यह कि लोकसभा चुनाव 2014 के समय पुनः 19/02/2014 को प्रार्थी के विरूद्ध सत्ता पक्ष के दबाव में जिला दण्डाधिकारी कोरबा तथा पुलिस अधीक्षक कोरबा के द्वारा जिला बदर की कार्यवाही शुरू की गयी, परन्तु दिनांक 27/01/2015 को प्रार्थी के विरूद्ध विगत 12 वर्षों से कोई प्रकरण ना होने एवं पूर्व में किसी भी प्रकरण में दोष सिद्ध ना होने पर जिलाबदर की कार्यवाही समाप्त कर दी गई है। यह धारणा प्रकट करते हुए जिला बदर की कार्यवाही समाप्त कर दी गयी।
उक्त आदेश का पुनर्नाविलोकन पुलिस अधीक्षक कोरबा द्वारा किया गया जो आदेश दिनांक 21/04/2015 से खारिज कर दिया गया।
यह की प्रार्थी लगातार जनपद पंचायत करतला के चुनाव में स्वयं तथा स्वयं के व्यक्तियों के द्वारा चुनाव में खड़े किये गए प्रत्याशियों को जनता के सहयोग से निर्वाचित होने पर जनपद पंचायत करताना को नित्त नई ऊंचाइयां आपसी सौहाद्र प्रदान कर जनसेवा को प्राथमिकता देते हुए आ रहा है परन्तु पुनः सत्ता पक्ष द्वारा सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग करते हुए जिला दण्डाधिकारी कोरबा तथा पुलिस अधीक्षक कोरबा के माध्यम से लोक सभा चुनाव के पूर्व पुनः वर्ष 2018 में जिला बदर की कार्यवाही प्रार्थी के विरूद्ध दोषपूर्ण भावना से शुरू की गयी और अंततोगत्वा यह पाते हुए की वर्ष 2009 के बाद कोई अपराध प्रार्थी के विरूद्ध नहीं किया गया है। पूर्व में दर्ज अपराधों में सक्षम न्यायलय से दोषमुक्त किया गया है जिसके आधार पर पूर्व में राज्य सुरक्षा अधिनियम की धरा 3-5 के तहत प्रकरण प्रस्तुत किया गया था जिसे दण्डाधिकारी द्वारा जिलाबदर की कार्यवाही समाप्त किया गया।
यह कि पुनः वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव के ठीक जिला दण्डाधिकारी पुलिस अधीक्षक कोरबा सिद्धार्थ तिवारी, थाना प्रभारी सिविल लाइन्स रामपुर कोरबा सुमन लाल पोया तथा थाना प्रभारी सिटी कोतवाली कोरबा एम.वी पटेल के द्वारा प्रार्थी के विरूद्ध अपराधिक षड्यंत्र कर बदनीयतीपूर्वक जिलाबदर की कार्यवाही पुनः करने के उद्देश्य से एक झूठा अपराधिक इश्तगासा शान्ति भंग करने के उल्लेख करते हुए किसी एम०डी०पी०एस० की कार्यवाही के दौरान प्रार्थी द्वारा जो दो गवाह कार्यवाही में हिस्सा ले रहे थे उन्हें घूरते हुए जा रहा था और उस कारण से शान्ति भंग होने की संभावना का इस्तगासा बनाया गया और उक्त इश्तगासा को कभी भी सम्बंधित न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया और उक्त इश्तगासा क्र. 95/2024 की कार्यवाही बिना प्रार्थी को दिए एक जिलाबदर की कार्यवाही प्रार्थी के विरुद्ध शुरू की गयी।
उक्त इश्तगासा को तैयार करने में आरोपीगण अजीत बसंत, सिद्धार्थ तिवारी, सुमन लाल पोया एवं एम०बी० पटेल पूर्ण रूप से षड्यंत्र में शामिल हैं क्योंकि प्रार्थी के विरूद्ध जिलाबदर की कार्यवाही बाबत कोई भी अपराधिक प्रकरण वर्तमान में या पिछले 12 वर्ष के अंदर कही भी किसी जिला के थाने में दर्ज नहीं था लेकिन दुर्भावनावश प्रार्थी के विरुद्ध जिलाबदर करने के आशय से इश्तगासा क्रमांक 95/2024 धारा 107, 116 का इश्तगासा बनाया गया कि किसी तरह एक प्रतिबंधात्मक कार्यवाही को झूठा दस्तावेज प्रार्थी के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण का दिखाया जाकर उसे लोकसभा जैसे चुनाव से वंचित किया जा सके और उसी षड्यंत्रपूर्वक की जा रही कार्यवाही में माननीय जिला दण्डाधिकारी महोदय (अजीत बसंत) के द्वारा 04/05/2024 को शनिवार को जिस दिन छत्तीसगढ़ शासन की छुट्टी रहती है (दस्तावेज संलग्न) पूर्व नियोजित षड्यंत्र पूर्ण कार्यवाही अनुसार दोनों थाना प्रभारी को बिना किसी प्रकार से नियत तिथि की जानकारी दिए गवाह के रूप में बुलाकर उक्त शासकीय छुट्टी के दिन 04/05/2024 को उनका साक्ष्य रिकॉर्ड किया गया। जिसमे पुनः षड्यंत्रकारियों द्वारा जिला दण्डाधिकारी के समक्ष की जा रही कार्यवाही में उस बात की गलत जानकारी दी गयी कि सम्बंधित इश्तगासा क्र. 95/2024 सिटी मजिस्ट्रेट कोरबा के समक्ष प्रस्तुत किया जा चूका है जबकि प्रार्थी द्वारा इस्तगासा क्र. 95/2024 शासन विरुद्ध रज्जाक अली के प्रकरण में प्रस्तुत इश्तगासा एवं आदेश पत्रक की प्रतिलिपि सम्बधित न्यायलय से चाही गयी जिसमे सम्बंधित न्यायालय सिटी मजिस्ट्रेट कोरबा द्वारा यह जानकारी दी गयी कि आवेदन के अनुसार इश्तगासा क्र. 95/2024 धारा 107/116 दं०प्र०सं० थाना सिविल लाइन्स रामपुर कोरबा द्वारा शासन विरूद्ध रज्जाक अली, उम्र 50 वर्ष, पिता स्व० गुलजार अली, स्थायी पता ग्राम नोनबिर्रा, तहसील करतला, जिला कोरबा हालमुकाम हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी रामपुर, थाना सिविल लाइन रामपुर, जिला कोरबा का प्रकरण दर्ज नहीं है (दस्तावेज संलग्न) तो उपरोक्त तथ्यों के आधार पर यह स्पष्ट होता है की उपरोक्त चारों षड्यंत्रकारियों ने ना केवल झूठा दस्तावेज तैयार कर प्रार्थी को अपराधिक प्रकरण में यह दर्शाकर कि प्रार्थी गवाहों को घूर रहा था और शान्ति भंग होने की सम्भावना दर्शाकर झूठा इश्तगास्मा बनाया और उपरोक्त षड्यंत्र को आगे अमली जामा पहनाने के उद्देश्य से शासकीय छुट्टी के दिन 04/05/2024 को दोनों थाना प्रभारी का बयान लिया गया। जिसमें पुनः आरोपियों द्वारा असत्य तथ्यों के आधार पर झूठा कथन किया गया कि इश्तगासा क्र. 95/2024 धारा 107/116 माननीय सिटी मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत किया जा चुका है। जबकि उक्त तथ्य बाबत नकल प्रार्थी द्वारा चाही गयी जिसमे बताया गया कि इश्तगासा क्र.95/2024 सिटी मजिस्ट्रेट कोरबा के न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया गया है जबकि सम्बंधित न्यायलय में न तो कोई इस्तगासा आज दिनांक तक उक्त षड्यंत्रकारियों के द्ववारा प्रस्तुत किया गया है और उस तरह से वर्तमान जिला दण्डाधिकारी, वर्तमान पुलिस अधीक्षक तथा दोनों थाना प्रभारी सुमन लाल पोया, एम.वी. पटेल के द्वारा यह जानते हुए की प्रार्थी के विरूद्ध बिना किसी आधार के मिध्या साक्ष्य गढ़ा जा रहा है। यह जानते हुए की मिथ्या गढ़ा हुआ साक्ष्य को सच्चे साक्ष्य के रूप में भ्रष्टतापूर्वक उपयोग में लाया गया है और उसी तरह लोक सेवक होते हुए मिथ्या साक्ष्य गढ़ा जा रहा है और उस तरह मिथ्या गढ़ी हुई साक्ष्य को मिथ्या जानते हुए सच के रूप में काम में भ्रष्ठतापूर्वक उपयोग में लाया गया। यह जानते हुए की प्रार्थी के द्वारा कोई भी अपराध नहीं किया गया है जिसके मिथ्या होने का उपरोक्त सभी षड्यंत्रकारियों के द्वारा मिथ्या इत्तला देगा और झूठा अपराधिक अभियोजन में उस बात को जानते हुए की इश्तगासा क्र. 95/2024 किसी सिटी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश नहीं किया गया है और ना ही प्रार्थी को तदानुसार सूचना दी गयी है। उस बाबत झूठा इश्तगासा क्र.95/2024 बनवाया और बेईमानीपूर्वक जिला दण्डाधिकारी के द्वारा शासकीय अवकाश दिनांक 04/05/2024 को साक्षी के रूप में दोनों पुलिस थाना प्रभारी का झूठा बयान करवाकर और प्रार्थी को क्षोभ कारित करने के उद्देश्य से झूठा इश्तगासा बना कर उसे आधार बनाने के उद्देश्य से जिलाबदर के केस में प्रार्थी के विरूद्ध रख लिया। माननीय जिला दण्डाधिकारी के न्यायालय के समक्ष झूठा कथन किया कि इश्तगासा माननीय सिटी मजिस्ट्रेट के न्यायालय कोरबा में प्रस्तुत किया जा चुका है। प्रार्थी को किसी तरह से अपने कार्य क्षेत्र करतला से बाहर करने के उद्देश्य से झूठा इस्तगासा तैयार कराया जिसको मिध्या होने उपरोक्त षड्यंत्रकारी जानते हैं और प्रथम दृष्टया किसी भी अपराध को संगठित नहीं करता है फिर भी उपरोक्त लोकसेवक के द्वारा प्रार्थी को यह जानते हुए की उसके विरूद्ध ऐसी कार्यवाही या आरोप के लिए कोई न्यायसंगत एवं विधिपूर्ण अधिकार नहीं हैं। क्षति करने के उद्देश्य से प्रार्थी के विरूद्ध झूठी गढ़ी हुई साक्ष्य के आधार पर द्वेषपूर्वक दांडिक प्रकरण राज्य सुरक्षा अधिनियम के तहत ना केवल संस्थित करवाया अपितु शासकीय छुट्टी के दिन झूठी गवाही लेकर प्रार्थी को उसके मूल अधिकारों से बंचित करने के उद्देश्य से यह जानते हुए कि प्रार्थी की वृद्ध माता हारुन बी बीमार है तथा प्रार्थी शादीशुदा व्यक्ति है उसके तीन संतान हैं पुत्र रमीज रजा अली 21 वर्ष, पुत्री जीनत रुमाना अली 19 वर्ष एवं पुत्री सना परवीन उम्र 13 वर्ष है जो सभी अध्ययनरत हैं तथा प्रार्थी के संरक्षण में जीवनयापन कर रहे हैं।
जनवरी 2025 में जनपद पंचायत सदस्य का चुनाव होना है। उक्त चुनाव के एक माह बाद चुने गए सदस्य में से उपाध्यक्ष का चुनाव होता है। चूंकि रज्जाक अली सभी 24 जनपद सदस्य के चुनाव में अपने समर्थक सदस्य को जीताने के लिए चुनाव प्रचार करता है। प्रशासन के द्वारा उक्त चुनाव के मद्देनजर प्रार्थी को कभी भी किसी झूठे मामले में फंसाकर चुनाव से वंचित किया जा सकता है। प्रार्थी रज्जाक अली एवं उसके परिवार को प्रशासन से खतरा उत्पन्न हो गया है। प्रार्थी रज्जाक अली को कभी भी किसी झूठे मामले में फंसाकर उसका एनकाउंटर भी कर सकते हैं तथा पूरे परिवार को बर्बाद कर सकते हैं। भविष्य में यदि रज्जाक अली के साथ कोई अनहोनी या घटना दुर्घटना होती है तो इसकी संपूर्ण जवाबदारी प्रशासन की रहेगी क्योंकि प्रशासन के द्वारा बिना किसी प्रकरण के वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में उसकी सक्रियता को देखते हुए उसे झूठे आधार पर एक वर्ष के लिए जिलाबदर किया गया है।
जनपद पंचायत करतला का चुनाव भी होने वाला है जिसके पूर्व प्रार्थी को अपने जनपद पंचायत के सभी कार्य पूर्ण करने थे परन्तु उक्त झूठे गढ़े हुए इश्तगासा के आधार पर प्रार्थी को जिलाबदर करने का आदेश लोक सभा के चुनाव से प्रार्थी को किसी तरह बाहर करने के उद्देश्य से शासकीय छुट्टी के दिन 04/05/2024 को बिना किसी प्रकार की आपातकालीन स्थिति में एक वर्ष के लिए जिले से बाहर कर दिया गया है। जिसका स्थगन एक माह के बाद माननीय सचिव गृह विभाग द्वारा कर दिया गया है। दस्तावेजों से स्पष्ट है कि जिला दण्डाधिकारी के न्यायालय में जो कार्यवाही झूठी गढ़ी साक्ष्य के आधार पर की जा रही थी, उसमे भी दोनों थाना प्रभारी के द्वारा जिसका विधि के प्रतिकूल होना जानते हुए भ्रष्टतापूर्वक झूठा साक्ष्य दिया जिससे प्रार्थी को अत्यंत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, उसे मंत्रालय में अपील कर स्थगन लेना पड़ा और आरोपियों के षड्यंत्रपूर्वक झूठा साक्ष्य गढ़कर की जा रही कार्यवाही बाबत नाम से पक्षकार बना कर माननीय उच्च न्यायलय छत्तीसगढ़ बिलासपुर में प्रकरण उचित सजा बाबत प्रस्तुत किया गया है।
इस तरह उपरोक्त षड्यंत्रकारियों के विरूद्ध धारा 231, 233, 236, 237, 240, 242, 246, 248, 257 भारतीय न्याय संहिता के तहत अभियोजन स्वीकृति दिया जा कर प्रार्थी की उस रिपोर्ट पर अपराध दर्ज करने की आवेदन अपील की गई है।