नशापान के सेवन से शारीरिक मानसिक एवं बौद्धिक शक्ति का विघटन होता है



गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। भारत सरकार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा नशामुक्त भारत अभियान की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर विकसित भारत का मंत्र, भारत हो नशे से स्वतंत्र कार्यक्रम के तहत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में बिजली में संस्था के प्राचार्य पूरन लाल साहू द्वारा नशामुक्ति की प्रतिज्ञा का शपथ दिलाते हुए कहा कि नशापान से कार्य करने की क्षमता कम हो जाती है तथा व्यक्ति भ्रमित हो जाता है। धूम्रपान के सेवन से मुँह में कैंसर और फेफड़ों के खराब होने का खतरा बढ़ जाता है। धूम्रपान की सेवन से खून में निकोटिन की मात्रा बढ़ जाती है जिससे आंखों का लाल होना, धुंधला दिखाई देना, आंखों की रोशनी कम हो जाती है। धूम्रपान से कैंसर, हृदय रोग, फेफड़ों के रोग आदि होती है। उन्होंने आगे बताया कि जो लोग धूम्रपान नहीं करते हैं लेकिन धूम्रपान करने वालों के संपर्क में आने से उनको भी गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो सकती है। जिससे वे अक्सर अस्थमा, ब्रोंकाइटिस निमोनिया की बीमारी से ग्रसित होते हैं। नशा करने वाला व्यक्ति सोचने व समझने की शक्ति को खो देता है नशा इंसान को अंदर से खोखला कर देता है। नशा नाश की जड़ है। नशापान की सेवन से शारीरिक, मानसिक एवं बौद्धिक शक्ति का विघटन हो जाता है। अतः हमें नशापान से दूर रहना चाहिए। अवसर पर संस्था के प्राचार्य पूरनलाल साहू, व्याख्याता दिनेश कुमार साहू विनय कुमार साहू, नरेन्द्र कुमार वर्मा, रेखा सोनी, गीतांजलि नेताम, संतोषी गिलहरे, शिक्षक नकुल राम साहू, रुद्रप्रताप साहू, क्लर्क दुष्यंत कुमार साहू, तोमन साहू, भृत्य आकाश सूर्यवंशी व छात्र छात्राएं उपस्थित थे।

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