महिलाएं गौठान से जुड़कर प्राप्त कर रही है अच्छी खासी आमदनी

मुंगेली(गंगा प्रकाश)। एक समय कभी घर से बाहर नहीं निकलने वाली महिलाओं के लिए आज राज्य शासन की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना के तहत निर्मित गौठान आर्थिक गतिविधि का केंद्र बन चुका है। घर के चारदीवारी के भीतर रहने वाली महिलाएं अब गौठान से जुड़कर अच्छी खासी आमदनी प्राप्त कर रही हैं और आत्मनिर्भरता की नई इबारत लिख रही है। राज्य शासन की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना के तहत निर्मित गौठान अब आर्थिक गतिविधि का केंद्र के रूप में उभर रहा है। बता दें कि जिले में कुल 335 गौठान स्वीकृत किया गया है, जिसमे से 279 गौठान का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है। वहीं सक्रिय गौठानों में सुचारू रूप से गोबर क्रय का कार्य किया जा रहा है तथा विभिन्न आजीविकामूलक गतिविधि भी संचालित की जा रही है।

           इन्हीं गौठानों में से एक है मुंगेली विकासखंड के ग्राम संगवाकापा का गौठान। जहां स्व सहायता समूह की महिलाएं न केवल वर्मी कंपोस्ट खाद बना रही है, बल्कि उसके विक्रय से अच्छी खासी आमदनी भी प्राप्त कर रही है। गौठान में कार्यरत मां शारदा स्व सहायता समूह की महिलाएं बताती है कि  उनके द्वारा गोधन न्याय योजना की शुरुआत से लेकर अब तक 500 क्विंटल से अधिक वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन और विक्रय किया जा चुका है। समूह की अध्यक्ष श्रीमती मनीषा जायसवाल बताती है कि पहले वह केवल घर का कामकाज संभालती थी, लेकिन अब वह घर के चारदीवारी से बाहर निकलकर गौठान में भी कार्य कर रही है। गौठान से जुड़कर वह आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही है। साथ ही गौठान से जुड़ने के बाद उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा है। उन्होंने बताया कि गौठान से जुड़कर वह काफी खुश है।  

गौठान में प्रतिदिन आते है 500 से अधिक मवेशी, चरवाहा ने गोबर बेचकर कमाए 80 हजार रुपए

                     चरवाहा धनसिंह यादव ने बताया कि गौठान में प्रतिदिन सबेरे 06 बजे से पशु पालको द्वारा अपने मवेशियों को लाना शुरू कर देते है और 09 बजे तक 500 से अधिक मवेशी इकट्ठा हो जाता है। जिसके बाद गौठान से बाहर मवेशियों को चराई के लिए लेकर जाते हैं। उन्होंने बताया कि मवेशी चराने का कार्य वह विगत चार वर्षों से करते आ रहे हैं। वह गांव के 200 मवेशियों को चराते हैं। जबसे गोधन न्याय योजना शुरू हुआ है, उन्हें दोहरा लाभ मिल रहा है, एक ओर मवेशी चराई का मेहनताना तो मिलता है ही, वहीं दूसरी ओर गोबर बेचकर अच्छी खासी आमदनी भी प्राप्त कर रहा है। योजना की शुरुवात से लेकर अब तक 80 हजार का गोबर विक्रय कर चुका है। जिससे उनका जीवन यापन बहुत अच्छे से हो रहा है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद ज्ञापित किया है।

गौठान न केवल पशुओं को रखने का जगह, बल्कि आजीविका गतिविधियों का एक सशक्त माध्यम भी

  गौठान न केवल पशुओं को रखने का जगह है, बल्कि आजीविका गतिविधियों का एक सशक्त माध्यम भी बन रहा है। जनपद सदस्य निरंजन साहू ने बताया कि शासन की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव एवं गोधन न्याय योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रहा है। पशुपालक किसान और चरवाहा गोबर बेचकर अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहे है। गोठान में स्व सहायता की महिलाएं विभिन्न आजीविका मूलक गतिविधि के माध्यम से सशक्त हो रही है। वर्मी कम्पोस्ट खाद निर्माण कर विक्रय से समूह की महिलाओं को काफी लाभ मिल रहा है। उन्होंने बताया कि मवेशियों के लिए शासन द्वारा गौठान में सभी व्यवस्था की जा रही है। घर से कभी बाहर न जाने वाली आज गौठान से जुड़कर आत्मनिर्भर हो रही हैं।

Share.

About Us

Chif Editor – Prakash Kumar yadav

Founder – Gangaprakash

Contact us

📍 Address:
Ward No. 12, Jhulelal Para, Chhura, District Gariyaband (C.G.) – 493996

📞 Mobile: +91-95891 54969
📧 Email: gangaprakashnews@gmail.com
🌐 Website: www.gangaprakash.com

🆔 RNI No.: CHHHIN/2022/83766
🆔 UDYAM No.: CG-25-0001205

Disclaimer

गंगा प्रकाश छत्तीसगढ के गरियाबंद जिले छुरा(न.प.) से दैनिक समाचार पत्रिका/वेब पोर्टल है। गंगा प्रकाश का उद्देश्य सच्ची खबरों को पाठकों तक पहुंचाने का है। जिसके लिए अनुभवी संवाददाताओं की टीम हमारे साथ जुड़कर कार्य कर रही है। समाचार पत्र/वेब पोर्टल में प्रकाशित समाचार, लेख, विज्ञापन संवाददाताओं द्वारा लिखी कलम व संकलन कर्ता के है। इसके लिए प्रकाशक, मुद्रक, स्वामी, संपादक की कोई जवाबदारी नहीं है। न्यायिक क्षेत्र गरियाबंद जिला है।

Ganga Prakash Copyright © 2025. Designed by Nimble Technology

WhatsApp us

Exit mobile version