राजा खुज्जी में भ्रष्टाचार की बानगी देखिए लोगो को कैसे दिग्भ्रमित किया जा रहा

सरकारी अस्पताल के जगह पर पंचायत के द्वारा बनाया जा रहा परिसर यही लोगो को कहा जाता रहा जबकि इसमें मेन रोल पंचायत से जुड़े किसी हस्तछेपी का है

डोंगरगांव(गंगा प्रकाश)। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार डोंगरगांव तहसील से लगे राजा खुज्जी में ग्राम पंचायत के नजदीक मेन रोड से लगे सरकारी जमीन पर जो पहले पूर्व में सरकारी अस्पताल के बाउंड्री के अंदर आता था वहां बनाया गया परिसर और उस परिसर को शुरुआती दौर पर कहा गया कि यह पंचायत के द्वारा बनाया जा रहा है साथ ही यह भी कहा गया कि यह पहले से ही किसी व्यक्ति के नाम से बुक है ताकि लोग इसके बुकिंग या किसी अन्य विषय में चर्चा या जानकारी ना लें जबकि पंचायत परिसर बनने के पहले किसी व्यक्ति के नाम से परिसर बुक होना संदेह के घेरे में आता है उसी दौरान खुज्जी सचिव से बात करने पर सचिव ने इस विषय पर जानकारी नहीं होना और जानकारी लेकर इसके बारे में विस्तार से बताया जाना कहा गया इसलिए गांव के व्यक्तियों द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया गया समझा गया कि ये पंचायत का परिसर निर्माण हो रहा है करके लेकिन जब तेज गति से इसका निर्माण किया गया मात्र 15 से 20 दिनों में परिसर कॉम्प्लेक्स में छत ढलाई भी कर दी गई काम की इतनी हड़बड़ी होते देख साथ ही परिसर के बारे में अफवाह फैलते ही ग्रामीण लोगो के द्वारा जानकारी जुटाने के दौरान लोगों को यह पता चला की यह सरकारी जमीन पर अतिक्रमण है। और इसको राजा खुज्जी की जनता को गुमराह कर के बनाया गया है साथ ही स्थानीय पत्रकारों को भी इस बात की भनक नहीं लगने दी गई कि अतिक्रमण करके इस परिसर को बनाया गया। और इस खेल की मंशा आप इसी से समझ सकते हैं की कुछ दिन यह पंचायत का परिसर है कहते हुए बनाया गया और अब ग्राम के व्यक्ति के द्वारा यह कहा जा रहा है कि यह मेरे द्वारा निर्मित है ,इस विषय पर पंचायत में ये बात भी सूत्रों से पता चली है की इसके पीछे किसी रणनीतिकार का हाथ होना भी सामने आया है यहां ये बात गौर करने वाली है क्योंकि ऐन आचार संहिता पर 15 से 20 दिनों के अंदर निर्माण को इतनी जल्दी कर देना क्युकी सभी संबंधित अधिकारी और शासन प्रशासन चुनाव में व्यस्त रहते है जब तक जानकारी उन तक पहुंच पाएगी निर्माण पूरा हो जाएगा और फिर इसे तोड़ना थोड़ा मुस्किल होगा साथ ही और लोगों तक सही जानकारी न पहुंचने देना यह भी संदेह के घेरे में आता है।

खुज्जी की जनता समझती रही की पंचायत का परिसर है अतिक्रमणकारी ने मिलीभगत कर सरकारी जमीन में लगाया सेंध

सरकारी जगह पर अगर कोई अतिक्रमण करता है तो सबसे पहले पंचायत सरपंच उसे नोटिस भेजता है लेकिन इस मामले में भी पंचायत में सचिव,सरपंच द्वारा अतिक्रमणकारि को नोटिस भेजा गया काम रोकने को लेकिन उसने कोई तत्परता नहीं दिखाई।पंचायत द्वारा इस विषय में गांव में कोई मुनियादी नही करवाई गई और अवैध कॉम्प्लेक्स में कोई नोटिस भी चस्पा नही किया गया है।
सचिव से बात करने पर यह जानकारी प्राप्त हुई कि पंचायत द्वारा नोटिस जारी किया गया है और अतिक्रमण हटाने के लिए लिखित में दिया गया है साथ ही सचिव ने कहा है अगर ये पंचायत का परिसर बन रहा है तो पहले काम रोक दो और पंचायत से अनुमोदन करवालो करके लेकिन इस बात पे भी ध्यान नहीं दिया गया और सचिव द्वारा बताया गया की परिसर पंचायत के किसी भी मद से नहीं बन रहा है इसकी भी जानकारी दी गई है और बार-बार समझाने के बावजूद सरपंच द्वारा नोटिस भेजने के अलावा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। यहां ध्यान देने योग्य बात ये है इतनी बड़ी हिम्मत पंचायत भवन के पास बिना किसी सपोर्ट के सरकारी जमीन पर कब्जा की कोई नही कर सकता। और ग्राम खुज्जी की सरपंच एक महिला है और लाखों रुपए की सरकारी जमीन पर कॉम्प्लेक्स परिसर बना कर रोड किनारे पर अतिक्रमण होने तक उन्हें इसकी जानकारी नहीं हुई ये कैसे हो सकता है इससे साफ है कि मामला गंभीर और पेचीदा है। क्युकी अतिक्रमण स्थल पंचायत से मात्र 30 कदम की दूरी पर है जहा सरपंच तथा सभी पंचायत सदस्यो का आना जाना बिलकुल लगा रहता है

यहां एक बात ध्यान देने योग्य है कि अगर किसी व्यक्ति का 10 से 15 सालों से कहीं पर कब्जा है छोटा सा पान ठेला या दुकान अगर वह डाला हुआ है तो ये बात समझ आती है कि वह उस जगह पर अपनी दुकान वापस नए तौर पर बना रहा है यहां तो लाखो की सरकारी खाली जमीन पर ताबड़ तोड़ निर्माण 20 दिनों में कर पंचायत को जानकारी में रखते हुए निर्माण कराया गया इसमें यह तो हो ही नहीं सकता की पंचायत को इसकी जानकारी ना हो। पंचायती राज अधिनियम धारा 56 के तहत पंचायत चाहे तो अवैध निर्माण को तुड़वा सकती या स्टे लगवा सकती है लेकिन खुज्जी पंचायत ऐसा क्यों नहीं कर पा रही है यह सोचनीय विषय है। अगर खुज्जी पंचायत सामने होते अतिक्रमण को अवैध कब्जा होने से नही रोक पाएगी तो वह आम जनमानस को क्या संदेश दे रही है यही जनता कल जब जगह जगह घेर कर सरकारी जगह पर अपना आशियाना या दुकान बनाएंगे उसको किस मुंह से तोड़ने की छमता दिखाएगी या तोड़ेगी। लोगो द्वारा यही कहा जायेगा की उस परिसर को क्यों नहीं तोड़े? या कितने पैसों में बात हुई?अब हमारा क्यू तोड़ रहे हो?
आम जनमानस अगर कोई सरकारी जमीन पर कब्जा कर ले तो शासन द्वारा उस पर बुलडोजर की कार्रवाई हो जाती है अब देखना यह है कि शासन प्रशासन क्या इन पहुंचे हुए लोगों के खिलाफ सरकारी जमीन पर हुई अतिक्रमण को तुड़वाती है। या सिर्फ कानून का डंडा गरीब शोषित पिछड़े लोगों के लिए ही लागू होता है।
साथ ही लोगों को न्याय देने और भ्रष्टाचार मिटाने का संकल्प लेकर छत्तीसगढ़ में शासन में आई बीजेपी सरकार इस संदर्भ में कोई कार्रवाई के लिए अधिकारियों को निर्देशित करती है या यह भी उनका एक जुमला ही होगा। क्योंकि अंधी आंखें भी इसमें भ्रष्टाचार की बानगी तलाश लेगी। साथ ही डोंगरगांव के संबंधित अधिकारी इस विषय में कौन सी कार्यवाही करते हैं यह देखने वाली बात होगी ग्राम के कुछ लोगों द्वारा इस विषय को लेकर सीईओ,एसडीएम,कलेक्टर को ज्ञापन देने की बात कही गई है। ग्राम खुज्जी की जनता को इस विषय पर देखना यह है कि उनके उम्मीद के अनुसार शासन प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई करती है या मामले की गंभीरता को ना समझते हुए अवैध कॉम्प्लेक्स परिसर के उद्घाटन में मिठाई खाने खिलाने का इंतजार करती है।

Share.

About Us

Chif Editor – Prakash Kumar yadav

Founder – Gangaprakash

Contact us

📍 Address:
Ward No. 12, Jhulelal Para, Chhura, District Gariyaband (C.G.) – 493996

📞 Mobile: +91-95891 54969
📧 Email: gangaprakashnews@gmail.com
🌐 Website: www.gangaprakash.com

🆔 RNI No.: CHHHIN/2022/83766
🆔 UDYAM No.: CG-25-0001205

Disclaimer

गंगा प्रकाश छत्तीसगढ के गरियाबंद जिले छुरा(न.प.) से दैनिक समाचार पत्रिका/वेब पोर्टल है। गंगा प्रकाश का उद्देश्य सच्ची खबरों को पाठकों तक पहुंचाने का है। जिसके लिए अनुभवी संवाददाताओं की टीम हमारे साथ जुड़कर कार्य कर रही है। समाचार पत्र/वेब पोर्टल में प्रकाशित समाचार, लेख, विज्ञापन संवाददाताओं द्वारा लिखी कलम व संकलन कर्ता के है। इसके लिए प्रकाशक, मुद्रक, स्वामी, संपादक की कोई जवाबदारी नहीं है। न्यायिक क्षेत्र गरियाबंद जिला है।

Ganga Prakash Copyright © 2025. Designed by Nimble Technology

WhatsApp us

Exit mobile version