अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट 

बिलासपुर (गंगा प्रकाश)। अपने राष्ट्रोत्कर्ष अभियान के तहत तीन दिवसीय प्रवास पर बिलासपुर पहुंचे पुरी शंकराचार्य स्वामीश्री निश्चलानन्द सरस्वतीजी महाराज ने आज पहले दिन अशोक नगर बिरकोना रोड स्थित अशोका वाटिका में हिन्दू राष्ट्र संगोष्ठी में धर्म , आध्यात्म और राष्ट्र से संबंधित जिज्ञासाओं के समाधान में उद्धृत किया कि जीविका जीवन के लिये है , जीवन जीविका के लिये नही। जीवन है जीवनधन जगदीश्वर की प्राप्ति के लिये। प्रसाद की अशुद्धि के संबंध में उन्होंने कहा न्यायालय का यह आदेश है कि शासनतन्त्र को धार्मिक क्षेत्र में हस्तक्षेप का अधिकार नही होता है। मठ , मंदिर का परिचालन मान्य आचार्यों के निर्देशन में होना चाहिये। गोहत्या की रक्षा के संबंध मे उन्होंने कहा कि महायंत्रों के प्रयोग से दिव्यता का विलोप होता है। ट्रेक्टर , मालगाड़ी आदि के प्रयोग से बैलगाड़ी का प्रचलन समाप्त हुआ और बैलों का उपयोग कृषि कार्य में बंद हो गया। सभी घरों में गो सेवा एवं गोपालन होना चाहिये तथा प्रत्येक क्षेत्र में सामूहिक गोचर भूमि गोवंशों के लिये सुरक्षित होनी चाहिये। सात्विक आहार विहार के पालन से कुसंगति में प्रवृत्ति नही होती है। राम शब्द की महत्ता के संबंध मे पुरी शंकराचार्यजी ने कहा कि राम शब्द मे शामिल र का तात्पर्य अग्नि से , आ की मात्रा का तात्पर्य सूर्य से और म का तात्पर्य चंद्रमा से है। अग्नि – सूर्य और चंद्रमा वाक् , दृष्टि एवं मन के प्रतीक है । इस प्रकार राम शब्द में सम्पूर्ण ब्रहाम्ड समाहित है। गौरतलब है कि राष्ट्रोत्कर्ष अभियान के माध्यम से पूरे विश्व में सनातन धर्म के प्रचार – प्रसार एवं देश भर में सनातन संस्कृति के संरक्षण हेतु भारत भ्रमण पर निकले ऋग्वेदीय पूर्वाम्नाय श्रीगोवर्द्धनमठ जगन्नाथपुरी के पीठाधीश्वर अनन्तश्री विभूषित श्रीमज्जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी श्रीनिश्चलानंद सरस्वतीजी महाराज आज सुबह बिलासपुर पहुंचे। अम्बिकापुर – दुर्ग एक्सप्रेस से उस्लापुर रेल्वे स्टेशन पहुंचने पर शिष्यवृंदों द्वारा कीर्तन वाद्ययंत्रों के साथ  शंकराचार्यजी का भव्य स्वागत किया गया। इसके साथ ही पूरा स्टेशन धार्मिक जयकारों के साथ हम भारत भव्य बनायेंगे – हम हिन्दू राष्ट्र बनायेंगे के जयघोष से गूंज उठा। स्वागत पश्चात वे सड़क मार्ग से बिरकोना रोड स्थित अशोक वाटिका पहुंचे जहां भी आरती पूजन कर उनका आत्मीय स्वागत किया गया। इसके बाद प्रथम सत्र में उन्होंने धर्म , आध्यात्म और राष्ट्र से संबंधित परिचर्चा की , वहीं असंख्य शिष्यों ने महाराजश्री से दीक्षा भी लिया। इस कार्यक्रम के तहत 01 अक्टूबर को प्रात:कालीन सत्र में दोपहर बारह बजे से महाराजश्री का दर्शन – दीक्षा और हिन्दू राष्ट्र संगोष्ठी आयोजित है , जिसमें उपस्थित सनातनी भक्त वृन्द धर्म – राष्ट्र और आध्यात्म से संबंधित जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं। इसके पश्चात पुरी शंकराचार्यजी पत्रकारों से भी चर्चा करेंगे। वहीं सायंकालीन सत्र में पांच बजे से सात बजे तक पुन: दर्शन एवं श्रीशंकराचार्यजी के श्रीमुख से आध्यात्मिक संदेश श्रवण का सुअवसर सुलभ रहेगा। इसी कड़ी में 02 अक्टूबर को अपरान्ह दो बजे उस्लापुर रेलवे स्टेशन से रेलमार्ग से दुर्ग उधमपुर एक्सप्रेस से आगरा प्रस्थान के पूर्व श्रीशंकराचार्यजी का बारह बजे निवासस्थल अशोक वाटिका में ही दर्शन सुलभ रहेगा तथा महाराजश्री एक बजे अशोकवाटिका से उस्लापुर के लिये प्रस्थान करेंगे। धर्मसंघ पीठपरिषद् , आदित्यवाहिनी – आनन्दवाहिनी संगठन ने पुरी शंकराचार्यजी के बिलासपुर आगमन के शुभ अवसर पर उपरोक्तानुसार प्रात:कालीन एवं सायं के सत्र में उपस्थित रहकर दर्शन तथा आध्यात्मिक संदेश श्रवण का लाभ लेने की सभी नगरवासी / क्षेत्र के लोगों से अपील की है। इसकी जानकारी श्रीसुदर्शन संस्थानम् , पुरी शंकराचार्य आश्रम / मीडिया प्रभारी अरविन्द तिवारी ने  दी।

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