Russia Ukraine War: रूस ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध की रणनीति बदल दी है। रूस अब यूक्रेन पर हमला करने के लिए फाइटर जेट का इस्तेमाल नहीं करेगा। इसके लिए रूस हर महीने 2700 शाहेद ड्रोन बना रहा है। यूक्रेन की रक्षा खुफिया एजेंसी (एचयूआर) का कहना है कि मई 2025 तक रूस प्रतिमाह लगभग 5000 लंबी दूरी के ड्रोन का उत्पादन कर रहा है, जिनमें से आधे (लगभग 2700) शाहेद-136 हमलावर ड्रोन हैं और बाकी नकली ड्रोन हैं जो हवाई रक्षा प्रणालियों को भटकाने और टोही के लिए उपयोग किए जाते हैं।

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रूस क्यों बना रहा इतने अधिक ड्रोन

रूस का यह ड्रोन उत्पादन पिछले साल की तुलना में पांच गुना अधिक है। इससे पहले रूस प्रति माह केवल 500 शाहेद ड्रोन बना रहा था। इन ड्रोनों का उपयोग रूस यूक्रेन के शहरों, विशेष रूप से कीव और ओडेसा, पर बड़े पैमाने पर हमलों के लिए कर रहा है। ताकि उसे फाइटर जेटों का नुकसान नहीं उठाना पड़े। एक आकलन के मुताबिक तीन साल की जंग में रूस के करीब ढाई लाख सैनिक मारे जा चुके हैं…मारे गए और घायल सैनिकों की संख्या कुल मिलाकर 10 लाख  पार कर चुकी है…ये दूसरे विश्व युद्ध के बाद रूस का सबसे बड़ा नुकसान है..इसी के बाद रूस ने अपनी रणनीति बदली है और लड़ाकू विमानों की जगह ज्यादा ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है..

यूक्रेन ने हाल ही में रूस के फाइटर जेटों को पहुंचाया था बड़ा नुकसान

हाल ही में यूक्रेन ने रूस पर बड़ा ड्रोन हमला कर दिया था। इसमें उसने रूस के करीब 41 ज्यादा फाइटर जेटों के नष्ट करने का दावा किया था। इसके बाद रूस ने युद्ध की रणनीति बदल दी है। अब रूस ड्रोन हमलों में तेजी दिखा रहा है। उदाहरण के लिए बीते 10 जून को रूस ने 315 ड्रोन और सात मिसाइलों के साथ यूक्रेन पर अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला किया था, जिसमें तीन लोग मारे गए और 13 घायल हो गए थे।

नकली ड्रोन का इस्तेमाल क्यों होता है

रूस ने इन हमलों में नकली ड्रोनों का भी उपयोग शुरू किया है, जो सस्ते सामग्रियों से बने होते हैं और यूक्रेन की हवाई रक्षा को चकमा देने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। रूस के तातारस्तान क्षेत्र में येलबुगा शहर के अलाबुगा विशेष आर्थिक क्षेत्र में शाहेद ड्रोन का उत्पादन होता है। यहां रूस ने ईरान से प्राप्त शाहेद ड्रोन की तकनीक का उपयोग करके अपनी स्वदेशी ड्रोन, जिन्हें गेरान-2 कहा जाता है, का निर्माण शुरू किया है।

क्या हैं शाहेद ड्रोन

शाहेद ड्रोन (Shahed Drone) ईरान द्वारा विकसित एकल-उपयोग (Kamikaze) हमलावर ड्रोन हैं, जिन्हें रूस यूक्रेन के खिलाफ बड़े पैमाने पर उपयोग कर रहा है। इनका मुख्य मॉडल शाहेद-136 है, जिसे रूस में “गेरान-2” के नाम से भी जाना जाता है। ये ड्रोन कम लागत, लंबी दूरी और विस्फोटक हमले करने की क्षमता के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। नीचे इनकी तकनीकी विशेषताओं का विवरण दिया गया है।

शाहेद ड्रोन की तकनीकी विशेषताएं (Shahed-136)

डिज़ाइन और स्ट्रक्चर
इसमें डेल्टा-विंग यानि तीन पंखे लगे होते हैं। यह एकल-उपयोगी ड्रोन है, जो आत्मघाती हमले के लिए बनाया गया है। इसकी लंबाई लगभग 3.5 मीटर, पंखों का फैलाव 2.5 मीटर है। यह 200-250 किलोग्राम वजन उठाने में सक्षम है, जिसमें 40-50 किलोग्राम का विस्फोटक वारहेड (warhead) शामिल है।

कैसे बनता है शाहेद ड्रोन 

इसे बनाने में सस्ती सामग्री जैसे फाइबरग्लास और प्लाईवुड का उपयोग किया जाता है। जिसके चलते रडार इसे आसानी से ट्रैस नहीं कर पाता। इसमें एक कम लागत वाला साधारण पिस्टन इंजन (MD 550) का उपयोग होता है। यह 150-180 किमी/घंटा की गति से उड़ान भर सकता है। इंजन की आवाज़ तेज और विशिष्ट होती है, जिसे यूक्रेनी नागरिक “मोपेड” जैसी आवाज़ कहते हैं। यह 1000-2500 किलोमीटर की लंबी दूरी के हमलों के लिए उपयुक्त है।

क्या है शाहेद ड्रोन की लागत

शाहेद-136 की अनुमानित लागत 20,000-50,000 अमेरिकी डॉलर प्रति ड्रोन है, जो इसे पारंपरिक मिसाइलों की तुलना में बहुत सस्ता बनाता है। यह स्वार्म हमले यानि सामूहिक हमले के लिए लांच किए जाते हैं, जिससे दुश्मन देश के हवाई रक्षा प्रणालियों पर दबाव पड़ता है। इसके छोटे आकार के कारण रडार को इसका पता लगाना कठिन होता है। इसमें लक्ष्य की ओर खुद से उड़ान भरने की क्षमता है।
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