CG: गरियाबंद की बेटियाँ बनीं ‘हिम बेटियाँ’ — 14,000 फीट पर फहराया तिरंगा, अब फ्रेंडशिप पीक फतह का संकल्प

 

हिमाचल के हमटा पास ट्रैक को पार कर दिखाया हौसले का कमाल, गरियाबंद का नाम किया देशभर में रोशन

 

गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। गरियाबंद जिले की चार जांबाज़ बेटियाँ इस वक्त पूरे राज्य की प्रेरणा बन चुकी हैं। इन बेटियों ने ऐसा साहसिक कारनामा कर दिखाया है, जो न सिर्फ़ गरियाबंद, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गर्व की बात है। हिमाचल प्रदेश के बेहद दुर्गम और बर्फीले हमटा पास ट्रैक (Hampta Pass Trek) को पार कर इन्होंने 14,000 फीट की ऊँचाई पर तिरंगा फहराया है। यह अभियान किसी शौर्यगाथा से कम नहीं था — जहां हर क़दम पर चुनौती थी, हर सांस में डर था, लेकिन इरादे फौलादी थे।

इस दल की अगुवाई कर रहीं थीं कनक लता, और उनके साथ थीं कोमिता साहू (16 वर्ष), खिलेश्वरी कश्यप (17 वर्ष) और अम्बा तारक (18 वर्ष)। ये सभी साधारण ग्रामीण पृष्ठभूमि से आती हैं, लेकिन इनके सपने और जज़्बा असाधारण है।

फार्च्यूनर में मिलीं एक ही परिवार के 3 लोगों की लाश, सभी के सिर पर गोली के निशान https://gangaprakash.com/?p=76778

सपनों की चोटी: हमटा पास तक का मुश्किल सफर

इस यात्रा की शुरुआत एक सामान्य ट्रैकिंग अभियान की तरह हुई, लेकिन आगे चलकर यह हौसले और संघर्ष की प्रतीक बन गई। 15 जून को दल की हिमाचल में ट्रैकिंग शुरू होनी थी, लेकिन अचानक मौसम बिगड़ गया। भारी बारिश और बर्फबारी के कारण दो दिन तक उन्हें कैंप में ही रुकना पड़ा। 17 जून को जैसे ही मौसम थोड़ा साफ़ हुआ, ये बेटियाँ अपने बूट कसकर हिमालय की ऊँचाइयों की ओर बढ़ चलीं।

ट्रैक की पहली चढ़ाई जोबरा से चीका तक की थी, जो 4 किलोमीटर लंबी थी और उसे पार करने में 4.5 घंटे का समय लगा। इसके बाद चीका से बालू घेरा तक 8 किलोमीटर की चढ़ाई थी, जो ऊँचे पहाड़ों, उफनती नदियों और बर्फ से ढके रास्तों से होकर गुज़रती थी। फिर बालू घेरा से सिया गुरु और अंत में सिया गुरु से छात्रु तक का सफर — यह सब मिलाकर करीब 35 किलोमीटर की बेहद कठिन यात्रा थी।

बर्फीली हवाएँ, खड़ी चट्टानें, ग्लेशियर और -5 डिग्री तापमान में चलना… यह सब उनके साहस और प्रशिक्षण की सच्ची परीक्षा थी।

कनक लता कहती हैं,

“हर मोड़ पर लगा कि बस अब और नहीं। लेकिन मन में एक ही बात थी — तिरंगा लहराना है। हम छत्तीसगढ़ की बेटियाँ हैं, पीछे हटना हमारे खून में नहीं।”

गांव की बेटियाँ, ऊँचे इरादे

ये चारों लड़कियाँ गरियाबंद जिले के अलग-अलग गाँवों से आती हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद इन्होंने पर्वतारोहण का सपना देखा और उसे साकार करने की ठान ली। इनके प्रशिक्षण की शुरुआत गरियाबंद के जंगलों से हुई, जहाँ पर इन्होंने जंगल ट्रैकिंग की प्रैक्टिस की।

Wife Kills Husband: नई-नवेली दुल्हन ने ली अपने पति की जान, बस एक महीने पहले हुई थी शादी https://gangaprakash.com/?p=76774

इसमें सहयोग मिला माननीय डीएफओ श्री लक्ष्मण सिंह का, जिन्होंने उन्हें जंगल में ट्रैकिंग की अनुमति दी। वहीं शिक्षक प्रदीप कुमार सेन ने इन बेटियों को आर्थिक सहयोग देकर बड़ी मदद की। इनका यह सहयोग इन लड़कियों के लिए किसी देवदूत से कम नहीं था।

इस अभियान को इंडियन एडवेंचर फाउंडेशन के माध्यम से अंजाम दिया गया। ग्रुप लीडर रोहित झा के मार्गदर्शन में पूरी टीम ने शानदार समन्वय दिखाया।

अब अगला लक्ष्य — फ्रेंडशिप पीक की चोटी पर तिरंगा

हमटा पास फतह करने के बाद अब इन बेटियों की निगाहें हैं 17,345 फीट ऊँची फ्रेंडशिप पीक पर। यह शिखर हिमाचल की सबसे कठिन चोटियों में गिना जाता है। कनक लता और उनकी टीम अब इसके लिए कड़ी ट्रेनिंग में जुट चुकी हैं।

“हम अब रुकने वाले नहीं हैं। अगली बार फ्रेंडशिप पीक पर तिरंगा फहराएंगे,” — कनक लता

बेटियाँ बनीं मिसाल, युवाओं के लिए प्रेरणा

गरियाबंद की इन बेटियों की यह उपलब्धि सिर्फ एक साहसिक यात्रा नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक क्रांति का संकेत है — जहाँ गाँव की बेटियाँ अब ऊँचाइयों को छूने लगी हैं। इनकी कहानी यह बताती है कि अगर इच्छाशक्ति हो, तो संसाधनों की कमी भी रास्ता नहीं रोक सकती।

ये बेटियाँ आज लाखों लड़कियों के लिए रोल मॉडल बन चुकी हैं। खेल, शिक्षा, सेवा, और अब पर्वतारोहण — हर क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की बेटियाँ प्रदेश का नाम रौशन कर रही हैं।

समापन विचार: गरियाबंद से हिमालय तक

कभी घर की दहलीज़ से बाहर कदम रखने में झिझकने वाली बेटियाँ अब हिमालय की चोटियों पर तिरंगा लहरा रही हैं। यह बदलाव सिर्फ इन चार लड़कियों का नहीं, बल्कि पूरे समाज का है। गरियाबंद जैसे अपेक्षाकृत पिछड़े जिले से निकलकर इन बेटियों ने यह संदेश दे दिया है कि अब छत्तीसगढ़ की बेटियाँ सिर्फ सपना नहीं देखतीं, उन्हें सच भी कर दिखाती हैं।

Share.

About Us

Chif Editor – Prakash Kumar yadav

Founder – Gangaprakash

Contact us

📍 Address:
Ward No. 12, Jhulelal Para, Chhura, District Gariyaband (C.G.) – 493996

📞 Mobile: +91-95891 54969
📧 Email: gangaprakashnews@gmail.com
🌐 Website: www.gangaprakash.com

🆔 RNI No.: CHHHIN/2022/83766
🆔 UDYAM No.: CG-25-0001205

Disclaimer

गंगा प्रकाश छत्तीसगढ के गरियाबंद जिले छुरा(न.प.) से दैनिक समाचार पत्रिका/वेब पोर्टल है। गंगा प्रकाश का उद्देश्य सच्ची खबरों को पाठकों तक पहुंचाने का है। जिसके लिए अनुभवी संवाददाताओं की टीम हमारे साथ जुड़कर कार्य कर रही है। समाचार पत्र/वेब पोर्टल में प्रकाशित समाचार, लेख, विज्ञापन संवाददाताओं द्वारा लिखी कलम व संकलन कर्ता के है। इसके लिए प्रकाशक, मुद्रक, स्वामी, संपादक की कोई जवाबदारी नहीं है। न्यायिक क्षेत्र गरियाबंद जिला है।

Ganga Prakash Copyright © 2025. Designed by Nimble Technology

WhatsApp us

Exit mobile version