हैदराबाद क्रिकेट संघ (HCA) के अध्यक्ष ए जगन मोहन राव समेत पांच पदाधिकारियों को तेलंगाना सीआईडी ने हिरासत में लिया है। हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष जगन मोहन राव को सीआईडी ने नकली दस्तावेजों के मामले में गिरफ्तार कर लिया है। 9 जुलाई की रात को उन्हें और दो लोगों को पूछताछ करने की बात सामने आई लेकिन गिरफ्तारी पर औपचारिक पुष्टि नहीं की। अब प्रेस नोट में गिरफ्तारी की पुष्टि हुई है। प्रेस नोट में जानकारी दी गई है कि ये गिरफ्तारी SRH वाले मामले में नहीं बल्कि नकली दस्तावेज और हस्ताक्षर के जरिए गौलीपुरा क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष के नकली हस्ताक्षर और दस्तावेज के मामले में हुई है।
क्या है पूरा मामला?
इससे पहले खबर आई थी कि IPL 2025 के दौरान सनराइजर्स हैदराबाद फ्रेंचाइजी द्वारा लगाए गए आरोपों के संबंध में पूछताछ के लिए इन लोगों को पकड़ा गया है। लेकिन अब यह साफ हो गया है कि नकली दस्तावेज और हस्ताक्षर के मामले में पुलिस ने यह कार्रवाई की है। क्राइम इंवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट ने प्रेस नोट में लिखा- सीआईडी अधिकारियों द्वारा एकत्र की गई जांच और सबूतों के आधार पर, यह पता चला है कि आरोपी ए जगन मोहन राव ने सी राजेंद्र यादव और उनकी पत्नी जी कविता के साथ मिलीभगत करके श्री चक्र क्रिकेट क्लब के जाली दस्तावेज बनाए, जिसे गौलीपुरा क्रिकेट क्लब कहा जाता है। इन जाली दस्तावेजों को वास्तविक रूप में इस्तेमाल किया गया था, जिससे ए जगन मोहन राव को एचसीए में अध्यक्ष पद हासिल करने में मदद मिली। इसके अलावा जगन मोहन राव ने आरोपी व्यक्तियों सीजे श्रीनिवास राव, कोषाध्यक्ष और एचसीए के सीईओ सुनील कांटे और अन्य के साथ दुर्भावनापूर्ण इरादे से मिलीभगत की, विश्वासघात किया, सार्वजनिक धन का दुरुपयोग किया, IPL एसआरएच अधिकारियों को गलत तरीके से रोका, जिसमें धमकाने के दावे, फ्री पास और कॉर्पोरेट बॉक्स तक पहुंच के लिए ब्लैकमेल करना और गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देना शामिल है।
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इससे पहले भी आ चुका है विवादों में नाम
बता दें, 3 महीने पहले सनराइजर्स हैदराबाद ने BCCI और ICC संचालन परिषद से शिकायत की थी कि हैदराबाद क्रिकेट संघ उन पर बार-बार अतिरिक्त फ्री पास को लेकर ब्लेकमैल कर रहा है। फ्रेंचाइजी ने यह भी कहा था कि अगर ऐसा चलता रहा तो वे अपने घरेलू मैच किसी और राज्य में शिफ्ट करने पर मजबूर होंगे। इसके बाद सनराइजर्स हैदराबाद और हैदराबाद क्रिकेट संघ के बीच हुई बैठक के बाद 3900 फ्री पास आवंटन जारी रखने के लिए आम सहमति बनी थी।