पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस के विधायक हुमायूं कबीर ने बड़ी चेतावनी दे दी है। उन्होंने कहा है कि अगर पार्टी 15 अगस्त तक मुर्शिदाबाद में अपने जिला-स्तरीय नेतृत्व में सुधार नहीं कर पाई तो वे टीएमसी को चुनौती देने के लिए अपनी अलग पार्टी बना लेंगे। उन्होंने कहा है कि वे अलग से चुनाव लड़ेंगे और करीब 50 सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगे।
मुर्शिदाबाद जिले के भरतपुर से टीएमसी विधायक कबीर ने मंगलवार को मीडिया से कहा, ‘‘मैं 15 अगस्त तक इंतजार करूंगा। अगर जिला नेतृत्व में कोई बदलाव या सुधार नहीं होता है, तो मेरे पास लोगों की बात सुनने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। लोग मुझसे वैकल्पिक रास्ता अपनाने की बात कह रहे हैं।’’ उन्होंने यह भी संकेत दिए कि मुस्लिम बहुल क्षेत्रीय पार्टी बनाने से मुर्शिदाबाद, मालदा, उत्तर दिनाजपुर और नादिया और दक्षिण दिनाजपुर जिलों के कुछ हिस्सों में समीकरण बदल सकते हैं।
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50 सीटों पर लड़ेंगे चुनाव
टीएमसी विधायक ने कहा, ‘‘सिर्फ एक हुमायूं कबीर नहीं होगा, कई होंगे।’’ उन्होंने कहा कि उनकी नई पार्टी टीएमसी के कई और असंतुष्ट नेताओं को अपनी ओर खींच सकती है। कबीर ने कहा कि उनकी नयी पार्टी की आधिकारिक तौर पर शुरुआत एक जनवरी, 2026 को होगी और पूरे बंगाल में 50 से 52 सीट पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने यह भी कहा जा कि उनकी नई पार्टी मुख्य रूप से अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों पर ध्यान देगी।
क्या बोली TMC?
दूसरी तरफ टीएमसी ने कहा है कि वह इस चेतावनी को ज्यादा तवज्जो नहीं देगी। टीएमसी ने कहा कि कबीर को पार्टी की तरफ से अनुशासन तोड़ने के लिए कई बार कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है और वह जब चाहे पार्टी छोड़ सकते हैं। टीएमसी के प्रदेश उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार ने 15 अगस्त की समय सीमा को एक स्टंट करार दिया है। मजमूदार ने कहा, ‘‘अगर वह नयी पार्टी बनाना चाहते हैं, तो उन्हें कोई नहीं रोक रहा। लेकिन पहले उन्हें इस्तीफा देना होगा। पार्टी खुद से तय की गई समयसीमाओं की परवाह नहीं करती। अगर वह चाहें तो कल ही पार्टी छोड़ सकते हैं।’’ मजूमदार ने कहा, ‘‘पार्टी के अपने नियम होते हैं। अगर आप बने रहना चाहते हैं, तो उनका पालन करें। वरना रास्ता खुला है।’’
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विपक्ष का भी आया रिएक्शन
कबीर की बगावत को लेकर विपक्ष ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने कहा, ‘‘उनकी कोई विश्वसनीयता नहीं है। उन्होंने पहले भी बड़े-बड़े दावे किए हैं और कुछ नहीं किया। उनके अपने ही निर्वाचन क्षेत्र में उनके पुतले जलाए जा रहे हैं। टीएमसी कार्यकर्ता उनके पोस्टरों पर जूते फेंक रहे हैं। पहले उन्हें कार्रवाई करने दीजिए, फिर हम बात करेंगे।’’ माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने भी कबीर के इस संभावित राजनीतिक कदम को लेकर उन पर कटाक्ष किया। चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘वह पहले कांग्रेस में रहे, फिर भाजपा में, फिर तृणमूल कांग्रेस में और इसके बाद फिर कांग्रेस में लौटे और फिर तृणमूल कांग्रेस में। अब वह नयी पार्टी की बात कर रहे हैं? यह राजनीति नहीं, अवसरवादी सौदेबाजी है।’’