Lok Sabha Pollution Discussion : नई दिल्ली | लोकसभा के शीतकालीन सत्र में शुक्रवार को वायु प्रदूषण का मुद्दा जोर पकड़ गया। कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने देशभर में बढ़ते प्रदूषण पर गंभीर चिंता जताई। वहीं, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर खुलकर चर्चा के लिए तैयार है। इसके अलावा भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने तमिलनाडु में हिंदू रीति-रिवाजों को लेकर विवाद पर राज्य की DMK सरकार को निशाने पर लिया।
राहुल गांधी बोले—बड़े शहर जहरीली हवा की चपेट में, बच्चों का स्वास्थ्य खतरे में
राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा कि देश के अधिकांश बड़े शहर गंभीर वायु प्रदूषण से जूझ रहे हैं।
उन्होंने कहा—
-
“ज्यादातर शहर जहरीली हवा में घिरे हैं।”
-
“लाखों बच्चे फेफड़ों की बीमारियों से पीड़ित हैं।”
-
“कई लोग कैंसर और गंभीर श्वसन समस्याओं का सामना कर रहे हैं।”
राहुल गांधी का कहना था कि प्रदूषण राजनीतिक बहस का मुद्दा नहीं, बल्कि देश की जन-स्वास्थ्य आपदा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस मुद्दे पर सरकार और विपक्ष मिलकर समाधान तैयार करेंगे।
सरकार का जवाब—‘पहले दिन से तैयार हैं चर्चा के लिए’ : किरेन रिजिजू
राहुल गांधी के उठाए मुद्दे पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार प्रदूषण के मसले पर व्यापक चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है।
रिजिजू ने कहा—
-
“हम पहले दिन से ही स्पष्ट थे कि सभी अहम विषयों पर चर्चा को तैयार हैं।”
-
“सरकार विपक्ष और सभी दलों से सुझाव लेने के लिए भी तैयार है।”
रिजिजू ने विपक्ष को आश्वस्त करते हुए कहा कि प्रदूषण जैसी गंभीर चुनौती का समाधान सभी दलों के सहयोग से ही संभव है।
अनुराग ठाकुर का आरोप—तमिलनाडु सरकार सनातन धर्म के विरोध का केंद्र बन गई
सदन में चर्चा के दौरान भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने तमिलनाडु में दीपक जलाने की धार्मिक परंपरा को लेकर हुए विवाद का मुद्दा उठाया।
उन्होंने आरोप लगाया—
-
“तमिलनाडु में दीपक जलाने की मांग करने वाले हिंदुओं पर लाठीचार्ज किया गया।”
-
“DMK सरकार सनातन धर्म के विरोध का प्रतीक बन चुकी है।”
-
“उनके मंत्री लगातार सनातन धर्म के खिलाफ बयान देते हैं।”
अनुराग ठाकुर के इन बयानों के बाद सदन में राजनीतिक गर्माहट बढ़ गई।
लोकसभा में एक दिन की बहस बने कई मुद्दे
एक ही सत्र में वायु प्रदूषण, सहयोगात्मक राजनीति, और धार्मिक विवादों के मुद्दे उठने से सदन का माहौल काफी तकरारपूर्ण लेकिन सक्रिय रहा। विपक्ष जहां जन-स्वास्थ्य और पर्यावरण को लेकर सवाल उठा रहा है, वहीं सत्ता पक्ष राज्य सरकारों और उनके रवैये पर पलटवार कर रहा है।
There is no ads to display, Please add some




