गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। साइबर ठगों ने ठगी का एक और खतरनाक तरीका अपना लिया है। वीर सुरेंद्र साय महाविद्यालय, गरियाबंद के प्राचार्य आर. आर. के. तलवरे के नाम और फोटो का दुरुपयोग करते हुए अज्ञात ठग द्वारा शिक्षकों एवं विद्यार्थियों से पैसे मांगने का मामला सामने आया है। ठग ने कॉलेज की आधिकारिक वेबसाइट से प्राचार्य की तस्वीर डाउनलोड कर उसे अपनी व्हाट्सऐप डीपी में लगाया और फिर स्टाफ व छात्रों को अंग्रेजी में मैसेज भेजकर पैसे की मांग शुरू कर दी।
*“I need some money urgently” लिखकर भेजे मैसेज*
कई कर्मचारियों और विद्यार्थियों को एक अनजान नंबर से अंग्रेजी में संदेश आया, जिसमें लिखा था — “I need some money urgently, can you send me?”
संदेश की भाषा और नंबर अज्ञात होने पर स्टाफ को संदेह हुआ, क्योंकि प्राचार्य आमतौर पर हिंदी में ही संवाद करते हैं। तत्काल इसकी जानकारी प्राचार्य तलवरे को दी गई, जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ।
*प्राचार्य तलवरे बोले — मेरी फर्जी आईडी बनाकर किया जा रहा दुरुपयोग*
प्राचार्य आर. आर. के. तलवरे ने स्पष्ट किया कि किसी साइबर अपराधी ने उनकी फोटो और कॉलेज स्टाफ के मोबाइल नंबरों का गलत इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा — यह पूरी तरह से साइबर ठगी का मामला है। सभी लोग ऐसे फर्जी नंबर को तुरंत ब्लॉक करें और किसी भी प्रकार की पैसे की मांग पर विश्वास न करें।
बताया गया कि प्राचार्य तलवरे जिले में एक सम्मानित शिक्षक और सामाजिक रूप से प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं, इसी कारण ठग उनके नाम का सहारा लेकर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहा है।
*ऐसे काम करते हैं साइबर ठग*
साइबर ठग आजकल किसी परिचित व्यक्ति की फोटो लगाकर फर्जी व्हाट्सऐप प्रोफाइल बना लेते हैं। फिर लोगों को मैसेज भेजते हैं कि वे किसी मीटिंग में हैं, कॉल नहीं कर सकते और तुरंत पैसों की जरूरत है। भरोसे के कारण कई लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं।
*थाना प्रभारी ओमप्रकाश यादव ने दी चेतावनी*
थाना प्रभारी ओमप्रकाश यादव ने बताया कि ऐसे मामले लगातार बढ़ रहे हैं। उन्होंने नागरिकों से सतर्क रहने की अपील करते हुए कहा— किसी भी परिचित के नाम से आए पैसे के मैसेज पर तुरंत सतर्क हो जाएं।
*सिर्फ मैसेज के आधार पर कभी पैसे न भेजें।*
* व्हाट्सऐप प्रोफाइल फोटो को केवल “My Contacts” तक सीमित रखें।
* कोई अनजान ओटीपी आए तो तुरंत सतर्क हो जाएं, क्योंकि व्हाट्सऐप खुद ओटीपी नहीं भेजता।
* अकाउंट हैक होने की स्थिति में तुरंत री-लॉगिन करें।
* किसी भी प्रकार की साइबर ठगी की शिकायत तुरंत थाने में दर्ज कराएं।
*सभी नागरिकों से अपील*
प्राचार्य तलवरे ने सभी शिक्षकों, विद्यार्थियों और अभिभावकों से अपील की है कि ऐसे फर्जी नंबरों को तुरंत ब्लॉक करें और इसकी सूचना कॉलेज प्रशासन को दें।
साथ ही साइबर ठगी का शिकार होने पर तुरंत 1930 हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी गई है।
