Amla Navami : कार्तिक मास की शुक्ल नवमी तिथि को पूरे देश में श्रद्धा और भक्ति के साथ आंवला नवमी का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आंवला का पेड़ भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है, इसलिए इस दिन इसकी पूजा का विशेष महत्व बताया गया है।
भक्त इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर पूजा, कथा श्रवण और भोजन करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से पापों से मुक्ति मिलती है और भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
पौराणिक कथा के अनुसार, कावेरी नदी किनारे रहने वाले एक ब्राह्मण के पुत्र ने कार्तिक मास में पूजा नहीं की थी, जिससे उसे पिता ने चूहे का श्राप दे दिया। बाद में जब ऋषि विश्वामित्र आंवले के पेड़ के नीचे कथा सुना रहे थे, तब वह कथा सुनकर ब्राह्मण पुत्र को मुक्ति मिली और वह स्वर्ग चला गया।
माता लक्ष्मी और आंवला नवमी का संबंध भी विशेष बताया गया है। माना जाता है कि माता लक्ष्मी ने आंवले के वृक्ष की पूजा की थी, क्योंकि इसमें तुलसी (विष्णु प्रिय) और बेल (शिव प्रिय) दोनों के गुण मौजूद हैं।
इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने से संतान, सुख-समृद्धि और दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही ब्राह्मणों को भोजन कराना और स्वयं भी आंवले के नीचे भोजन करना शुभ माना गया है।



