रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC)-2021 परीक्षा घोटाले की परतें जैसे-जैसे खुल रही हैं, वैसे-वैसे यह स्पष्ट होता जा रहा है कि यह सिर्फ अनियमितताओं का मामला नहीं, बल्कि एक सुनियोजित षड्यंत्र था। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की जांच में इस पूरे ‘खेल’ को उजागर करने में व्हाट्सएप चैटिंग सबसे महत्वपूर्ण सबूत बनकर उभरी है।

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WhatsApp चैट से उजागर हुआ पैसों का लेन-देन और साजिश:

जांच एजेंसियों को इस घोटाले से जुड़े प्रमुख आरोपियों के फोन से ऐसे कई व्हाट्सएप चैट मिले हैं, जिनमें न सिर्फ पैसे के लेन-देन और डील की बात है, बल्कि यह भी पता चला है कि किस तरह प्रभावशाली लोगों के करीबी अभ्यर्थियों को उच्च पदों पर चयनित कराने का पूरा सिंडिकेट काम कर रहा था।

सूत्रों के अनुसार, इन चैट्स में परीक्षा से पहले अभ्यर्थियों को रिसॉर्ट या होटल में ठहराने, वहां उनके इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बाहर रखवाने और ‘सॉल्वर’ (पेपर हल करने वाले) की व्यवस्था करने की पूरी योजना का जिक्र है।

‘बिग बॉस’ जैसा सीक्रेट ग्रुप?

हालांकि, यह चैटिंग सीधे तौर पर CGPSC घोटाले से जुड़ी है या नहीं, यह स्पष्ट नहीं है, लेकिन इसी तरह के एक अन्य बड़े शराब घोटाले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी एक सीक्रेट व्हाट्सएप ग्रुप का खुलासा किया था, जिसका नाम कथित तौर पर ‘बिग बॉस’ था। इस ग्रुप के जरिए अफसरों और राजनेताओं के बीच षड्यंत्र, पैसे की डीलिंग और दुष्प्रचार की साजिशें रची जाती थीं। माना जा रहा है कि CGPSC घोटाले में भी इसी तरह के डिजिटल माध्यमों का उपयोग किया गया था।

गिरफ्तारियों से बढ़ रही है हलचल:

CBI ने इस मामले में अपनी जांच को तेज करते हुए हाल ही में एक पूर्व आईएएस अधिकारी, एक पूर्व परीक्षा नियंत्रक (आरती वासनिक) समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित कुछ अभ्यर्थी भी शामिल हैं, जिनके नाम और चयन में अनियमितताओं के आरोप लगे थे।

जांच एजेंसियों द्वारा जब्त की गई ये डिजिटल चैटिंग अब कोर्ट में मजबूत साक्ष्य के तौर पर पेश की जा रही हैं, जिससे यह साफ होता है कि यह घोटाला सिर्फ एक पेपर लीक नहीं था, बल्कि बड़े नेताओं और अफसरों की मिलीभगत से रचा गया सुनियोजित षड्यंत्र था। इस हाई-प्रोफाइल मामले में आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।

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