Chhattisgarh High Court : बिलासपुर, छत्तीसगढ़ – 16 नवंबर 2025| छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक गंभीर चिकित्सीय लापरवाही मामले में कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। मामला दयालबंद निवासी शोभा शर्मा का है, जिनका उपचार ईएसआईसी योजना के तहत चल रहा था। अदालत ने बिलासपुर के लालचंदानी अस्पताल और आरबी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में हुए ऑपरेशन की जांच के लिए पहले गठित समिति की रिपोर्ट को खारिज कर दिया।हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि पहले की गई समिति न तो नियमों के अनुसार गठित थी और न ही उसकी प्रक्रिया वैध थी। अदालत ने कलेक्टर को निर्देश दिया कि वह चार माह के भीतर नई उच्चस्तरीय समिति गठित करके पूरी जांच करें और दोषियों की पहचान कर उचित कार्रवाई सुनिश्चित करें।
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मामला: गलत घुटने का ऑपरेशन
शोभा शर्मा का उपचार पहले लालचंदानी अस्पताल में शुरू हुआ था। बाद में उन्हें ऑपरेशन के लिए आरबी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस भेजा गया। आरोप है कि डॉक्टरों ने गलती से बाएं घुटने की जगह दाएं घुटने का ऑपरेशन कर दिया।इस गंभीर त्रुटि पर जब आपत्ति जताई गई, तब भी बिना पूरी तैयारी और आवश्यक जांच के बाएं घुटने का भी ऑपरेशन जल्दबाजी में कर दिया गया। इस वजह से मरीज की स्वास्थ्य स्थिति और अधिक गंभीर हो गई और उनका इलाज प्रभावित हुआ।
हाईकोर्ट की प्रतिक्रिया
हाईकोर्ट ने कहा कि इस तरह की चिकित्सीय लापरवाही पूरी तरह अस्वीकार्य है। अदालत ने जोर देकर कहा कि ऐसे मामलों में केवल मरीज की भलाई और सुरक्षा को ही प्राथमिकता दी जानी चाहिए। अदालत ने नए जांच प्राधिकरण को निर्देश दिया है कि वे दोषियों की पहचान कर उन्हें कड़ी कार्रवाई के दायरे में लाएं।कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि चिकित्सकीय प्रक्रियाओं में जल्दबाजी और नियमों की अनदेखी मरीज के जीवन और स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकती है।
ईएसआईसी योजना और मरीजों की सुरक्षा
ईएसआईसी योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा प्रदान करना है। लेकिन ऐसे मामलों से यह सवाल उठता है कि क्या अस्पताल और स्वास्थ्य सेवा प्रदाता योजनाओं के तहत इलाज कर रहे मरीजों की सुरक्षा और देखभाल सुनिश्चित कर पा रहे हैं।हाईकोर्ट की कार्रवाई यह संकेत देती है कि अब ऐसे मामलों में कठोर निगरानी और जवाबदेही लागू की जाएगी।



