पटना :बिहार में प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने की दिशा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नवगठित विभागों के कार्यभार का बंटवारा कर दिया है। हालांकि, रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण नागरिक उड्डयन विभाग का प्रभार उन्होंने अपने पास ही रखा है। यह जानकारी 12 दिसंबर को जारी आधिकारिक अधिसूचना में दी गई है।
गौरतलब है कि बिहार मंत्रिमंडल ने 9 दिसंबर को तीन नए विभाग—युवा, रोजगार एवं कौशल विकास विभाग, उच्च शिक्षा विभाग और नागरिक उड्डयन विभाग—के गठन को मंजूरी दी थी। इसके साथ ही तीन मौजूदा विभागों के नामों में भी बदलाव किया गया था, ताकि उनकी भूमिका और जिम्मेदारियों को अधिक स्पष्ट किया जा सके।
मंत्रियों को सौंपी गई नई जिम्मेदारियां
अधिसूचना के अनुसार, युवा, रोजगार एवं कौशल विकास विभाग का कार्यभार संजय सिंह ‘टाइगर’ को सौंपा गया है। वे पहले से ही श्रम संसाधन एवं प्रवासी श्रमिक कल्याण विभाग की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। राज्य सरकार के रोजगार लक्ष्य को देखते हुए इस विभाग को अहम माना जा रहा है।
वहीं, राज्य के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार को नवगठित उच्च शिक्षा विभाग का प्रभार दिया गया है। सरकार का मानना है कि अलग विभाग बनने से उच्च शिक्षा में गुणवत्ता, शोध और नवाचार को नई दिशा मिलेगी।
नागरिक उड्डयन मुख्यमंत्री के पास क्यों
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नागरिक उड्डयन विभाग अपने पास रखा है। हाल में ‘एक्स’ पर पोस्ट के जरिए उन्होंने बताया था कि राज्य में कई नए हवाई अड्डों का निर्माण कार्य चल रहा है और उड़ान योजना के तहत भविष्य में और भी हवाई अड्डे प्रस्तावित हैं। ऐसे में नागरिक उड्डयन विभाग का गठन और उसका प्रत्यक्ष नेतृत्व राज्य में औद्योगिक वातावरण सुधारने, रोजगार के नए अवसर सृजित करने और निर्यात को बढ़ावा देने में सहायक होगा।
विभागों के नाम में भी बदलाव
सरकार ने प्रशासनिक स्पष्टता के लिए कुछ विभागों के नाम भी बदले हैं। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग अब डेयरी, मत्स्य एवं पशु संसाधन विभाग कहलाएगा। श्रम संसाधन विभाग का नाम बदलकर श्रम संसाधन एवं प्रवासी श्रमिक कल्याण विभाग कर दिया गया है। वहीं, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग अब कला एवं संस्कृति विभाग के नाम से जाना जाएगा।
एक करोड़ रोजगार के लक्ष्य से जुड़ा फैसला
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि वर्ष 2025–30 के बीच राज्य में एक करोड़ युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। इसके लिए युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण और रोजगारोन्मुखी शिक्षा से जोड़ना जरूरी है। नए विभागों का गठन और उनका कार्यभार आवंटन इसी दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
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