Donald Trump , वॉशिंगटन। अमेरिका में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति को लेकर अब उनके ही देश में विरोध के स्वर तेज होने लगे हैं। भारत से आयात होने वाले उत्पादों पर लगाए गए 50 फीसदी तक के ऊंचे टैरिफ को लेकर तीन अमेरिकी सांसदों ने खुलकर नाराजगी जताई है। सांसदों का कहना है कि इस तरह के भारी टैक्स से न सिर्फ भारत को नुकसान हो रहा है, बल्कि अमेरिकी उद्योग, उपभोक्ता और व्यापारिक संबंध भी प्रभावित हो रहे हैं।
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तीनों सांसदों ने एक साझा बयान में कहा कि भारत अमेरिका का एक अहम रणनीतिक और व्यापारिक साझेदार है। ऐसे में उस पर अत्यधिक टैरिफ लगाना दोनों देशों के बीच वर्षों से बने भरोसे और सहयोग की भावना के खिलाफ है। उन्होंने ट्रंप प्रशासन से मांग की है कि भारत से आयात होने वाले उत्पादों पर लगाए गए 50 फीसदी टैक्स को तत्काल हटाया जाए या इसमें बड़ी राहत दी जाए।
सांसदों का तर्क है कि ऊंचे टैरिफ के कारण अमेरिकी कंपनियों को कच्चा माल और तैयार उत्पाद महंगे दामों पर खरीदने पड़ रहे हैं, जिसका सीधा असर आम उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है। महंगाई बढ़ने के साथ-साथ कई छोटे और मध्यम उद्योगों को नुकसान झेलना पड़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि टैरिफ की वजह से अमेरिकी निर्यातकों को जवाबी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है, जिससे वैश्विक बाजार में अमेरिका की स्थिति कमजोर हो सकती है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह विरोध केवल व्यापार तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर अमेरिका की आंतरिक राजनीति पर भी पड़ सकता है। आगामी चुनावी माहौल में ट्रंप की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठना उनके लिए नई चुनौती बन सकता है। सांसदों का कहना है कि टैरिफ की नीति दबाव बनाने का साधन जरूर हो सकती है, लेकिन लंबे समय में यह नुकसानदेह साबित होती है। भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों की बात करें तो दोनों देशों के बीच अरबों डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार होता है।
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