नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के H-1B वीजा से जुड़े हालिया फैसले पर भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने प्रतिक्रिया दी है। जयशंकर ने कहा कि आज दुनिया के कई देशों की स्थानीय आबादी अपनी श्रम आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम नहीं है और ऐसे में उन्हें प्रवासी श्रमिकों पर निर्भर रहना पड़ता है।
जयशंकर ने यह टिप्पणी ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में की। उन्होंने कहा कि वैश्विक कार्यबल (ग्लोबल वर्कफोर्स) आज की आर्थिक और सामाजिक जरूरत है और इससे बचना संभव नहीं है।
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि, “ग्लोबल वर्कफोर्स को कहां रखा जाए और किस तरह समायोजित किया जाए, यह राजनीतिक बहस का विषय हो सकता है, लेकिन इसे नज़रअंदाज़ करना संभव नहीं है।”
विशेषज्ञों का मानना है कि जयशंकर का यह बयान अमेरिकी नीति के संदर्भ में महत्वपूर्ण है और आने वाले समय में भारत-अमेरिका रिश्तों पर इसका असर पड़ सकता है।