बिलासपुर। सरकंडा क्षेत्र के भूकंप अटल आवास में रहने वाले एक दंपत्ति की संदिग्ध मौत का मामला सामने आया है। कमरे में पति-पत्नी का शव मिला, जिसमें पति की लाश फंदे से लटक रही थी, जबकि पत्नी बिस्तर पर मृत पाई गईं। पुलिस को कमरे की दीवार पर लिपस्टिक से लिखा एक सुसाइड नोट मिला है। इस नोट में पति ने अपनी मौत और पत्नी की मौत के लिए एक दूसरे युवक को जिम्मेदार ठहराया है। पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की गहराई से जाँच कर रही है।
सरकंडा थाना प्रभारी प्रदीप आर्य ने बताया कि मृतक दंपत्ति की पहचान नेहा उर्फ शिवानी तांबे और प्रेम तांबे के रूप में हुई है। दोनों एक निजी कंपनी में सफाई कर्मचारी के तौर पर काम करते थे और उन्होंने लगभग 10 साल पहले प्रेम विवाह किया था। इनके तीन बच्चे हैं।।सोमवार की दोपहर तक जब पति-पत्नी कमरे से बाहर नहीं निकले, तो शिवानी की माँ, रीना, उनके घर पहुँचीं। उन्होंने दरवाजा धक्का देकर खोला तो अंदर का भयावह दृश्य देखकर उनकी चीख निकल गई। उनकी बेटी बिस्तर पर बेजान पड़ी थी, और दामाद का शव फांसी के फंदे से लटक रहा था। तत्काल पुलिस को सूचना दी गई, और पुलिस टीम के साथ फॉरेंसिक एक्सपर्ट भी मौके पर पहुँचे।
दीवार पर लिखा सुसाइड नोट
जाँच के दौरान पुलिस को कमरे की दीवार पर लिपस्टिक से लिखा एक सुसाइड नोट मिला। प्रेम तांबे ने इस नोट में लिखा था कि उनकी पत्नी किसी दूसरे युवक से बात करती थी, और उन्होंने उन्हें ऊर्जा पार्क के पास पकड़ा भी था। नोट में पति ने स्पष्ट रूप से अपनी और पत्नी की मौत का जिम्मेदार राजेश विश्वास नामक युवक को बताया है, जिसका मोबाइल नंबर भी दीवार पर लिखा गया था। चौंकाने वाली बात यह है कि आरोप लगाने के बाद नोट के अंत में “आई लव यू शिवानी” भी लिखा गया था।
हत्या के बाद आत्महत्या की आशंका
टीआई प्रदीप आर्य ने बताया कि मोहल्ले वालों से पूछताछ में पता चला है कि दंपत्ति के बीच अक्सर झगड़ा होता रहता था। सुसाइड नोट और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने आशंका जताई है कि प्रेम तांबे ने चरित्र शंका के कारण पहले अपनी पत्नी शिवानी का गला दबाकर हत्या की होगी, और उसके बाद स्वयं फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली होगी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का सही कारण स्पष्ट हो पाएगा।
अनाथ हुए बच्चे
जिस समय यह घटना हुई, बच्चे स्कूल गए हुए थे। बाद में जब उन्हें यह दुखद खबर मिली कि उनके माता-पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं, तो वे फूट-फूट कर रोने लगे। परिवार वालों और पड़ोसियों ने किसी तरह बच्चों को संभाला। पुलिस जाँच के बाद शवों को चीरघर भेजा गया।
