चेन्नई। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने तमिलनाडु में चल रहे ISIS रेडिकलाइजेशन केस में शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की है। NIA ने इस मामले में 7 आरोपियों और कोवई अरेबिक एजुकेशनल एसोसिएशन (KAEA) नामक एक रजिस्टर्ड सोसायटी के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है। चार्जशीट में IPC और UAPA (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) की कई गंभीर धाराएं लगाई गई हैं।
ऑनलाइन क्लास के जरिए युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेलने का आरोप
NIA की जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी ऑनलाइन क्लासेस और वैचारिक सत्रों के माध्यम से युवाओं को ISIS की विचारधारा से प्रभावित कर कट्टरपंथी मार्ग पर धकेल रहे थे। जांच एजेंसी के मुताबिक, यह गतिविधियां सुनियोजित तरीके से चलाई जा रही थीं।
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कोयंबटूर कार बम विस्फोट से जुड़ी है जांच
यह मामला RC-01/2023/NIA/CHE के तहत दर्ज है, जिसकी जांच 2023 से जारी है। इस केस की शुरुआत अक्टूबर 2022 में हुए कोयंबटूर कार बम विस्फोट की जांच के दौरान हुई थी। जांच में सामने आया कि विस्फोट से जुड़े 18 आरोपियों में से 14 आरोपी एक ही कॉलेज के छात्र थे, जिसके बाद एजेंसी ने शैक्षणिक संस्थानों और उनसे जुड़े संगठनों की भूमिका की गहन पड़ताल शुरू की।
KAEA पर गंभीर आरोप
सप्लीमेंट्री चार्जशीट में शामिल कोवई अरेबिक एजुकेशनल एसोसिएशन (KAEA) पर आरोप है कि संस्था के प्लेटफॉर्म और संसाधनों का इस्तेमाल रेडिकलाइजेशन गतिविधियों के लिए किया गया। NIA का कहना है कि संस्था की भूमिका की जांच के दौरान कई आपत्तिजनक साक्ष्य सामने आए हैं।
पहले भी दाखिल हो चुकी है चार्जशीट
इससे पहले इसी केस में मद्रास अरबी कॉलेज के प्रिंसिपल जमील बाशा सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ NIA चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। अब सप्लीमेंट्री चार्जशीट के जरिए जांच एजेंसी ने मामले के दायरे को और व्यापक किया है।
NIA की सख्ती जारी
NIA ने साफ किया है कि देश विरोधी और आतंकी विचारधाराओं को फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। एजेंसी का कहना है कि युवाओं को गुमराह कर हिंसक संगठनों से जोड़ने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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