सरगुजा/सूरजपुर। जिले में आग से जलने की दो अलग-अलग दर्दनाक घटनाएँ सामने आई हैं। एक मामले में 65 वर्षीय वृद्धा की 14 दिनों तक घर में बिना समुचित इलाज के रखने के बाद मौत हो गई, जबकि दूसरी घटना में 35 वर्षीय महिला की हीटर से आग तापते समय जलने से मृत्यु हो गई। दोनों घटनाओं से क्षेत्र में शोक का माहौल है और ग्रामीणों में जागरूकता की कमी साफ झलकती है।
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पहली घटना: 65 वर्षीय वृद्धा चूल्हे में गिरकर झुलसी, 14 दिन घर में रखने से बिगड़ी हालत
मिली जानकारी के अनुसार, 31 अक्टूबर को मैनपाट थाना क्षेत्र के सुपलगा गांव में परमेश्वरी नायक (65 वर्ष), अपने पति नंदलाल नायक के साथ घर में आग ताप रही थीं। कुछ देर बाद पति सोने चला गया।
जब परमेश्वरी भी सोने के लिए उठीं तो अचानक संतुलन बिगड़ने से चूल्हे में गिर गईं। उनकी चीख सुनकर पति की नींद खुली और उसने किसी तरह आग बुझाई।
लेकिन अस्पताल ले जाने के बजाय परिवार ने 14 दिनों तक घर पर ही जंगली जड़ी-बूटी और घरेलू उपचार किया। इससे उनकी स्थिति लगातार खराब होती गई।
15 नवंबर को जब हालत गंभीर हो गई, तब परिवार उन्हें कमलेश्वरपुर अस्पताल लेकर पहुंचा। वहां से रेफर करने पर उन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
दूसरी घटना: हीटर से आग तापते समय 35 वर्षीय महिला की मौत
दूसरी घटना सूरजपुर जिले के ग्राम जोबगा की है। यहां 35 वर्षीय महिला आग ताप रही थी। हीटर के अत्यधिक पास आ जाने या कपड़ों के संपर्क में आने से अचानक आग लग गई। परिवार ने आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन महिला बुरी तरह जल चुकी थी।
समुचित उपचार के बावजूद वह अपनी जान नहीं बचा सकी।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह: समय पर अस्पताल पहुंचाना ज़रूरी
इन दोनों घटनाओं ने ग्रामीण क्षेत्रों में अग्नि सुरक्षा और समय पर चिकित्सा सुविधा लेने की जरूरत को फिर से उजागर किया है। विशेषज्ञों के अनुसार:
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जलने की घटना में पहले 1 घंटे का उपचार बेहद महत्वपूर्ण होता है।
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जड़ी-बूटी या घरेलू इलाज जलन वाले मामलों में खतरनाक साबित हो सकता है।
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तुरंत अस्पताल ले जाना ही जीवन बचा सकता है।



