नई दिल्ली। संसद के सेंट्रल हॉल में बुधवार को 150वां संविधान दिवस पूरे गौरव के साथ मनाया गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय संविधान को 9 नई भाषाओं—मलयालम, मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगु, ओडिया और असमिया में जारी किया। यह संविधान की पहुंच को और व्यापक तथा जनसुलभ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा—तीन तलाक खत्म होना महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि संसद ने तीन तलाक जैसी सामाजिक बुराई को समाप्त कर महिलाओं को सुरक्षा और सम्मान देने की दिशा में ऐतिहासिक और निर्णायक कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय नारी गरिमा की रक्षा करता है और उनके अधिकारों को मजबूत बनाता है।
GST को बताया आजादी के बाद सबसे बड़ा आर्थिक सुधार
राष्ट्रपति मुर्मू ने GST (वस्तु एवं सेवा कर) को स्वतंत्रता के बाद का सबसे बड़ा टैक्स सुधार बताया। उन्होंने कहा कि GST ने देश की आर्थिक एकता को मजबूती दी है और कर प्रणाली को सरल बनाया है।
अनुच्छेद 370 हटने को बताया राजनीतिक एकता का कदम
अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने अनुच्छेद 370 हटाने को देश की राजनीतिक एकता को मजबूत करने वाला कदम बताया। उन्होंने कहा कि इस निर्णय ने दशकों से चली आ रही बाधा को दूर किया और देश को एकसूत्र में बांधने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
नारी शक्ति वंदन कानून को बताया महिलाओं के नेतृत्व का नया अध्याय
राष्ट्रपति ने कहा कि नारी शक्ति वंदन कानून महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की एक नई शुरुआत है। यह भविष्य में संसद और विधानसभाओं में महिलाओं की भागीदारी को मजबूत करेगा।
संविधान की प्रस्तावना भी पढ़ी
इस अवसर पर राष्ट्रपति मुर्मू ने राष्ट्र के साथ मिलकर संविधान की प्रस्तावना भी पढ़ी और भारतीय लोकतंत्र की मूल भावना को मजबूत करने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम में PM मोदी, ओम बिड़ला, खड़गे और राहुल गांधी हुए शामिल
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, मंत्रिपरिषद के सदस्य और दोनों सदनों के सांसद मौजूद रहे।



