Rare Earth Magnet , नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार, 26 नवंबर को हुई कैबिनेट बैठक में देश के औद्योगिक ढांचे को मजबूत करने और तकनीकी आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए चार महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी दी। कुल ₹19,919 करोड़ के निवेश वाली इन योजनाओं के जरिए भारत न केवल मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में मजबूती लाएगा, बल्कि वैश्विक सप्लाई चेन में भी अपनी स्थिति को और मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाएगा।

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रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम को मिली हरी झंडी

कैबिनेट द्वारा स्वीकृत परियोजनाओं में सबसे महत्वपूर्ण है रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम। यह स्कीम भारत को रक्षा, इलेक्ट्रॉनिक्स, ई-व्हीकल और स्पेस तकनीक में आवश्यक मैग्नेट के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाएगी।रेयर अर्थ मैग्नेट का उपयोग मोटर, टर्बाइन, सैटेलाइट सिस्टम, डिफेंस उपकरण और इलेक्ट्रिक वाहनों में होता है। अब तक भारत इन मैग्नेट्स के आयात पर निर्भर रहा है, लेकिन नई स्कीम के लागू होने के बाद घरेलू उत्पादन को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा।

चारों परियोजनाएं—ये हैं बड़े फायदे

कैबिनेट द्वारा मंजूर की गई चार परियोजनाएं देश के औद्योगिक बुनियादी ढांचे को नई दिशा देंगी। इन परियोजनाओं के प्रमुख फायदे इस प्रकार हैं:

  1. उच्च तकनीकी विनिर्माण को बढ़ावा — रेयर अर्थ मैग्नेट सहित कई महत्वपूर्ण तकनीकों में ‘मेक इन इंडिया’ को गति मिलेगी।

  2. रोजगार के नए अवसर — अनुमान है कि इन परियोजनाओं से बड़ी संख्या में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे।

  3. निजी क्षेत्र को बढ़ावा — सरकार ने निजी कंपनियों को उत्पादन में शामिल करने के लिए कई प्रोत्साहन दिए हैं।

  4. वैश्विक सप्लाई चेन में भारत की भूमिका मजबूत — महत्वपूर्ण औद्योगिक सामग्रियों का घरेलू उत्पादन बढ़ने से भारत वैश्विक स्तर पर एक विश्वसनीय साझेदार बन सकेगा।

सरकार की प्राथमिकता — टेक्नोलॉजी और मैन्युफैक्चरिंग

केंद्र सरकार लंबे समय से हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग और आयात निर्भरता कम करने पर जोर दे रही है। इस बैठक में लिए गए फैसले उसी दिशा में एक और बड़ा कदम माने जा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि रेयर अर्थ मैग्नेट क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करना भारत के लिए रणनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है।

आगे क्या?

संबंधित मंत्रालय जल्द ही इन परियोजनाओं के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी करेगा। उद्योग जगत में इन योजनाओं को लेकर उत्साह देखा जा रहा है और उम्मीद है कि आने वाले महीनों में निवेश का प्रवाह तेज होगा।

सरकार के इन फैसलों से यह स्पष्ट है कि भारत आने वाले वर्षों में टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक्स और औद्योगिक विनिर्माण के क्षेत्र में बड़ी छलांग लगाने की तैयारी कर चुका है।

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