Sawan bhandara significance : हिंदू धर्म में सावन माह का विशेष सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व है. इस माह के सोमवार का व्रत खास होता है. मान्यता है इस दिन सच्चे मन से व्रत और पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं, और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. इस माह में सावन शिवरात्रि, मंगला गौरी और हरियाली तीज जैसे पर्व और व्रत आते हैं. इस माह में व्रत और पूजन करने के अलावा लोग भंडारे का भी आयोजन करते हैं. इसे करने के कई लाभ हैं जिसके बारे में हम यहां पर आपको बताने जा रहे हैं.
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धार्मिक महत्व
सावन भगवान शिव की गहन भक्ति का महीना है और भंडारे उनका सम्मान करने और आशीर्वाद प्राप्त करने का एक सामान्य तरीका है. भंडारा आपके अंदर आध्यात्मित ऊर्जा का संचार करता है, साथ ही सेवाभाव भी पैदा करता है. इसके अलावा आपको विनम्र बनाने का भी काम करता है.
दान और साझा करना
भंडारा अन्नदान का एक रूप है, जिसे हिंदू धर्म में अत्यधिक पुण्य माना जाता है. इससे आपके जीवन में यश, मान-सम्मान भी बढ़ता है. जीवन में सुख समृद्धि आती है.
सामुदायिक सहभागिता
भंडारा लोगों को एक साथ लाती है, एकता की भावना को बढ़ावा देती है. इससे आपका अंदर सामाजिकता का भाव भी आता है. यह मेल-जोल को भी बढ़ावा देता है.
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प्रतीकात्मकता
भंडारे में चढ़ाए गए भोजन को प्रसाद या पवित्र भोजन माना जाता है और इसे आदर और श्रद्धा के साथ ग्रहण किया जाता है. इससे आपके अंदर सकारात्मकता आती है. आपको बता दें कि भंडारा कराने से सेवा भाव उत्पन्न होती है. भंडारा ऐसा आयोजन होता है, जिससे पुण्य फल से कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती.
भंडारा कराने के अन्य फायदे – Other benefits of organizing a Bhandara
- भंडारा कराने से आत्मिक शांति प्राप्त होती है और मन स्थिर रहता है.
- भंडारा कराने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं.