सावन के माह में आप भगवान शिव के साथ ही पितरों को भी प्रसन्न कर सकते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अगर आप पितरों को प्रसन्न कर देते हैं तो सुख-समृद्धि आपको जीवन में प्राप्त होती है। इसलिए सावन के पवित्र महीने में भी आपको कुछ ऐसे कार्य करने चाहिए जिनसे पितरों का आशीर्वाद आप पर बना रहे। आज हम आपको इन्हीं उपायों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।
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गंगा स्नान
पितरों की शांति के लिए सावन के माह में आपको गंगा स्नान करना चाहिए। खासकर किसी भी शनिवार को या फिर अमावस्या तिथि के दिन। ऐसा करने से पितृ खुश होकर आपके जीवन की सभी दुख-विपदाओं को हर लेते हैं।
पितृ मंत्रों का जप
सावन के पावन माह में आपको पितरों की कृपा प्राप्त करने के लिए पितृ मंत्रों का जप भी अवश्य करना चाहिए। आप हर दिन पितृ मंत्रों का जप कर सकते हैं। अगर ऐसा संभव न हो तो सोमवार, शनिवार, एकादशी, पूर्णिमा और अमावस्या के दिन मंत्रों का जप अवश्य करें।
पितृ को प्रसन्न करने के लिए मंत्र- ‘ॐ पितृभ्यः नमः’, ‘ॐ पितृदेवतायै नमः’
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दान
पितरों को प्रसन्न करने के लिए जो सबसे शुभ उपाय बताए गए हैं उनमें दान करना भी एक है। आप सावन के माह में यथासंभव दान करके पितरों की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। काले तिल, गुड़, वस्त्र, धन आदि आप पितरों को प्रसन्न करने के लिए दान कर सकते हैं। इस बात का ख्याल रखें कि दान करते समय पितरों का स्मरण अवश्य करें और उन्हीं के निमित्त दान करें।
पीपल के नीचे जलाएं दीपक
ऐसा माना जाता है कि पीपल के पेड़ में पितरों का वास होता है। इसलिए पितरों की कृपा प्राप्त करने के लिए सावन के महीने में पीपल के पेड़ के नीचे आपको दीपक अवश्य जलाना चाहिए। इसके बाद पीपल के पेड़ की सात बार परिक्रमा करनी चाहिए और पितरों की आत्मा की शांति की कामना करनी चाहिए। ऐसा करने से पितृ शांत होते हैं, पितृ दोष से आपको मुक्ति मिलती है और साथ ही पितृ आप पर कृपा भी बरसाते हैं।
पितृ पक्ष में इन सभी कार्यों को करने से आप पितरों की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही ये आसान कार्य आपको पितृ दोष से भी मुक्ति दिलाते हैं।