Browsing: संदेश

जागर / स्वप्न तथा सुषुप्तिरूपा निद्रा से विरहित सर्वसंकल्प रहित शिलातुल्य संस्थित आत्माकार जो मन:स्थिति है वह स्वरूप स्थिति है।