गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। देश भर में सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है। वहीं आज गरियाबंद नगर और अंचल में हरियाली तीज का पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया। सुहागिन महिलाओं और कुंवारी लड़कियों ने व्रत रखकर भगवान से पार्वती जी की पूजा आराधना की। हरे रंग के वस्त्र आभूषण पहनकर महिलाओं ने हरियाली तीज को बड़े ही उत्साह और उमंग के साथ मनाया।सुहागिन महिलाओं ने अपने पति की लंबी उम्र की कामना की। वहीं, कन्याओं और युवतियों ने व्रत रखकर विधि-विधान से पूजन किया।
नगर के वार्ड 14 स्थित सिन्हा निवास पर ग्रुप की महिलाओं धरमीन सिन्हा सुमन लता केला संध्या सोनी, हेमलता सिन्हा, राधिका सिन्हा, लक्ष्मी सिन्हा राधिका सिन्हा पूनम सोनी, रुपाली सोनी,मोहनी सिन्हा रेणुका सिन्हा रश्मि केला रानू वंदना लीना सिन्हा सहित दर्जनों महिलाओं ने हरियाली तीज पर्व मनाते हुए विधि-विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की। आराधना करते हुए पति की लंबी आयु की कामना करते हुए सामूहिक रूप से हरियाली तीज गीत गाते हुए मनमोहक नृत्य किया, तो अन्य महिलाओं के साथ झूला डालकर झूला झूले
तीज का पर्व बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पति-पत्नी के रिश्ते को और भी मजबूत बनाता है- लक्ष्मी सिन्हा
इस मौके पर लक्ष्मी सिन्हा ने कहा कि हरितालिका तीज व्रत को भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हस्त नक्षत्र के दिन मनाया जाता है। इस दिन कुमारी और सौभाग्यवती स्त्रियाँ गौरी-शंकर की पूजा करती हैं और भगवान शिव ने पार्वतीजी को उनके पूर्व जन्म का स्मरण कराने के उद्देश्य से इस व्रत के माहात्म्य की कथा कही थी।इस व्रत के पीछे एक पौराणिक कथा को लेकर लक्ष्मी ने बताया कि माता पार्वती ने भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। यह व्रत महिलाओं को अपने पति के साथ जोड़ता है और उनके रिश्ते को मजबूत बनाता है।
हरतालिका तीज का यह पावन पर्व विशेष रूप से महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह शिव-पार्वती के विवाह की कथा से जुड़ा हुआ है- संध्या सोनी
शास्त्रों कथा के मुताबिक माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए बहुत लंबे समय तक कठोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से महादेव प्रसन्न हुए थे और फिर भोलेनाथ ने सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मां पार्वती को स्वीकार किया था। इसलिए इस दिन पर कुंवारी लड़कियां मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए व्रत करती हैं और सुहागिन महिलाएं अखण्ड सौभाग्य और पति की लंबी उम्र की कामना के लिए भोलेनाथ की आराधना करती हैं। इसलिए हरियाली तीज का त्योहार मनाया जाता है।
हरियाली तीज में व्रत के दिन सूर्योदय से पूर्व सरगी खाते हैं। फिर सूर्योदय के साथ ही निर्जला व्रत शुरू किया जाता है। हरियाली तीज पर इस बार परिघ योग, शिव योग और रवि योग बन रहे हैं। इस दिन रवि योग रात 8 बजकर 31 मिनट से लेकर अगले दिन 7 अगस्त को सुबह 5 बजकर 48 मिनट तक है। वहीं परिघ योग सुबह से लेकर 11 बजकर 41 मिनट तक है और शिव योग अगले दिन रहेगा। रवि योग में पूजा करने का दोगुना फल प्राप्त होता है। इसलिए रवि योग में पूजा कर सकते हैं।