CGNEWS: “अबूझमाड़ अबूझ नहीं रहा: बस्तर में विकास का बिगुल, टूटी वर्षों की चुप्पी”

 

“जहाँ पहले गोलियों की गूंज थी, अब वहां बच्चों की मुस्कान गूंज रही है…”

रायपुर(गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ के सुदूर और घने जंगलों में बसा अबूझमाड़ अब अबूझ नहीं रहा। वर्षों तक नक्सलवाद की चुप्पी में दबे इस क्षेत्र में अब विकास का बिगुल बज चुका है। कभी जहां सरकारी अमला कदम रखने से डरता था, आज वहीं पर प्रधानमंत्री जनजातीय जन विकास मिशन (PM JANMAN), धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान, और नियद नेल्लानार योजना जैसे परिवर्तनकारी कार्यक्रमों से एक नई सुबह का उदय हो रहा है।

सड़क, बिजली, पानी और सपनों की रफ्तार

अबूझमाड़ में आज चमचमाती सड़कों का जाल बिछ रहा है, जिन पर न केवल वाहन दौड़ रहे हैं बल्कि साथ ही दौड़ रहे हैं ग्रामीणों के सपने। जिन गांवों में कभी बिजली एक अफसाना थी, आज वहां हर घर में बल्ब जल रहे हैं और बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई की बातें करने लगे हैं।

जहां खौफ था, अब उम्मीदें हैं

नक्सलवाद के भय से जकड़े रहे इन अंचलों में अब निडरता की सांस ली जा रही है। सुरक्षा बलों के 23 कैंपों के आस-पास के 90 गांवों में सरकार की ‘नियद नेल्लानार योजना’ ने वो कर दिखाया है जिसकी कभी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। अबूझमाड़ के गांव अब ‘आदर्श ग्राम’ की ओर बढ़ रहे हैं — जहां हर जरूरत की चीज़ है, और हर इंसान के चेहरे पर मुस्कान।

धरती आबा से हो रहा गांवों का उत्कर्ष

‘धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान’ केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि गांवों की किस्मत बदलने का मंत्र बन चुका है। गांवों में साफ पानी, ठोस सड़कें, नियमित बिजली और स्कूल-कॉलेज जैसी सुविधाएं अब कोई सपना नहीं रह गई हैं।

शिक्षा और स्वास्थ्य में ऐतिहासिक बदलाव

‘पीएम जनमन मिशन’ ने विशेष पिछड़ी जनजातियों के जीवन को नया आधार दिया है। आज अबूझमाड़ के बच्चे स्कूल जा रहे हैं, और माताएं गर्भावस्था में समुचित स्वास्थ्य सेवा पा रही हैं।

पर्यटन बनेगा अबूझमाड़ की पहचान

छत्तीसगढ़ की बेमिसाल जैव विविधता और अनछुई प्राकृतिक सुंदरता अब दुनियाभर के सैलानियों को बुला रही है। नक्सलवाद के ध्वस्त होते किले के साथ अबूझमाड़ अब देश का नया टूरिज्म हॉटस्पॉट बनने की ओर अग्रसर है।

नेतृत्व की शक्ति, बदलाव की कहानी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के दूरदर्शी नेतृत्व में आदिवासी अंचलों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है। आदिम जाति कल्याण मंत्री रामविचार नेताम के जमीनी प्रयासों का ही परिणाम है कि आज बस्तर की धड़कनें तेज हो रही हैं — विकास की ताल पर।

अबूझमाड़ के दिल से निकली आवाज़:

 “अब हम अंधेरे में नहीं हैं, अब हम भारत के उजाले से जुड़े हैं।”

 

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