अक्षय तृतीया पर बाल विवाह रोकथाम के लिए गरियाबंद जिले में विशेष टीम गठित
गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा अक्षय तृतीया के अवसर पर संभावित बाल विवाहों की रोकथाम के लिए गरियाबंद जिले में जिला स्तरीय विशेष निगरानी टीम का गठन किया गया है।
गौरतलब है कि 30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाएगा, जिस दिन बड़ी संख्या में शादियाँ होती हैं। इस दौरान बाल विवाह की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं, जो कि एक गंभीर अपराध है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक कुमार पाण्डेय, महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्रीमती दीपा शाह एवं जिला बाल संरक्षण अधिकारी अनिल द्विवेदी के मार्गदर्शन में यह विशेष टीम जिले के पाँचों विकासखण्डों में सक्रिय रूप से कार्य करेगी।
टीम की प्रमुख जिम्मेदारियों में शामिल हैं:
- ग्राम पंचायतों में विवाह पंजी संधारण सुनिश्चित कराना।
- पंचायत सचिवों एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को विवाहों का रिकॉर्ड रखने हेतु निर्देश देना।
- कोटवारों द्वारा मुनादी कराकर ग्रामीणों को बाल विवाह के दुष्परिणाम और कानूनी पहलुओं से अवगत कराना।
- बाल संरक्षण समितियों के माध्यम से पंचायत व वार्ड स्तर पर निगरानी व रोकथाम कार्यों को मजबूत बनाना।
- बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के अनुसार प्रचार-प्रसार करना, जिसके अंतर्गत वधु की न्यूनतम आयु 18 वर्ष और वर की 21 वर्ष अनिवार्य है।
न्यूनतम आयु से कम में विवाह कराने या उसमें सहयोग करने वाले व्यक्तियों को दो वर्ष तक की सजा एवं ₹1 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है।
इसके अतिरिक्त, टीम द्वारा किशोर न्याय अधिनियम 2015, POCSO एक्ट 2012, गुड टच-बैड टच, नशामुक्ति, कन्या भ्रूण हत्या, बाल श्रम, दत्तक ग्रहण, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 जैसे विषयों पर भी जागरूकता फैलाई जाएगी।
जिला प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि वे बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीति के खिलाफ जागरूक बनें और किसी भी संदिग्ध मामले की सूचना तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर दें, ताकि समय रहते हस्तक्षेप किया जा सके।