गरियाबंद(गंगा प्रकाश)। गरियाबंद जिला सहित समूचे छत्तीसगढ़ में सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल थमता नहीं दिख रहा है। केंद्र सरकार के समान 34% महंगाई भत्ता (DA) और गृह भाड़ा भत्ता (HRA) की मांग को लेकर कर्मचारी काम छोड़कर आंदोलन कर रहे हैं। दफ्तरों में सन्नाटा पसरा हुआ है। आंदोलन की वजह से स्कूलों में पढ़ाई, न्यायिक कामकाज, राजस्व मामलों के निपटारे से लेकर,ग्राम पंचायतों सहित सामान्य सरकारी कामकाज ठप हो गए हैं। कर्मचारी नारेबाजी करते हुए सरकार से न्याय की मांग कर रहे हैं। “हड़ताल” के आठवें दिन आज सोमवार को भी जिला मुख्यालय गरियाबंद के गाँधी मेडम में हड़ताल पंडाल स्थल पर हनुमान चालीसा का पाठ किया गया छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन जिला संयोजक प्रदीप कुमार वर्मा ने बताया की हड़ताल के छटवे दिन पोला के पावन पर्व पर हड़ताल मंच पर हनुमान चालीसा सुंदर काण्ड का पाठ विगत 3 दिवस से किया जा रहा है। रामायण के माध्यम से राज्य सरकार को दो सूत्रीय मांग को पुरा करने का प्रार्थना राघवेंद्र सरकार से करते हुए सद्बुद्धि हेतु किया गया तीज पर्व पर हड़ताल मे शामिल अधिकारी कर्मचारी बहनो को पावन पर्व तीज की बधाई देते हुए उन्हें उपवास हेतु समय दिया गया व तीज के बाद हमारी बहने द्वारा पुनः हड़ताल मे बड़ चड़ कर भाग लेने का निवेदन किया गया,आज मुख्य मंच पर छत्तीसगढ़ी व्यंजन बाँटा गया, त्योहारो का समय होने के बाद भी दो सूत्रीय मांगो को लेकर कर्मचारियों मे उत्साह देखते बनता है, पंडाल स्थल हड़ताल मे शामिल 98 संगठनो मे से गरियाबंद जिला के सक्रिय संगठनो के साथियो ने जब तक अनिश्चित कालीन हड़ताल चलेगा तब तक विभिन्न आयोजनों के माध्यम से सरकार को सदबुद्धि देने व मौलिक मांग को पूर्ण करने तक डटे रहने का संकल्प लिया गया हैं, हड़ताल के आठवें दिन हड़ताल स्थल मुख्य मंच से फेडरेशन जिला महासचिव, बसन्त त्रिवेदी ब्लॉक संयोजक मनोज खरे, लखन साहू सुदामा ठाकुर एनके वर्मा पुरुषोत्तम चंद्राकर जितेश गजभिए केसर निर्मलकर सुरेखा तिवारी अनिता गजभिये प्रशांत साहू फनेन्डे साहू पिंटू साहू होरी लाल शर्मा एल पी वर्मा शर्मा आरबी पटेल भगवान चंद्राकर छबि सिंह ठाकुर देवेश शर्मा पन्नालाल देव वंशी तेजस शर्मा गेंद लाल यादव नीलमणि दुबे बसंत मिश्रा थनवार ठाकुर बृज बिहारी वर्मा गणेश देवांगन सहित कर्मचारी संघटनों के सदस्य उपस्थित थे।
आंदोलन से बढ़ी आमजनो की परेशानी
बता दे कि कर्मचारियों के आंदोलन इस आंदोलन से आम जनता की परेशानी बढ़ गई है। आक्रोशित कर्मचारी संगठनों का कहना है कि मंत्री-विधायक अपना वेतन और भत्ता बढ़ावा रहे हैं। उनके लिए महंगाई है, लेकिन कर्मचारियों को देने के लिए वित्तीय स्थिति का हवाला दिया जा रहा है।बता दें कि राज्य सरकार ने 6% महंगाई भत्ता बढ़ाए जाने का आदेश जारी किया गया है, लेकिन इस आदेश को लेकर कर्मचारी और अधिकारियों में भारी नाराजगी है। प्रदेश में कर्मचारी संगठनों का कहना है कि महंगाई भत्ता 12% बढ़ाए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया था। केंद्र सरकार के सामान महंगाई भत्ता 34% देने की मांग की जा रही है। महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता को लेकर 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर कर्मचारी निकल चुके हैं। प्रदेशभर में विभिन्न विभागों के लगभग 40786 से अधिक कर्मचारियों के हड़ताल से आम जनता की परेशानी बढ़ गई है। हड़ताल को 101 कर्मचारी-अधिकारी संगठन का समर्थन होने का दावा किया जा रहा है। कर्मचारी नेताओं ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से उनकी मांगों पर शीघ्र फैसला लेने की बात कही है।
हड़ताल इसलिए कि शासन ने देय तिथि से डीए स्वीकृत नहीं किया
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन जिला संयोजक प्रदीप कुमार वर्मा ने बताया कि राज्य सरकार ने 1 जुलाई 2019 के लंबित मंहगाई भत्ते की 5% किस्त को 1 जुलाई 2021 से स्वीकृत कर कुल 17% किया था, जिसमें देय तिथि 1 जुलाई 2019 से लेकर 30 जून 2021 तक के वेतन में अंतर की राशि का भुगतान नहीं किया था। सरकार ने फेडरेशन के आंदोलन के बाद 1 मई को डीए में 5% की वृद्धि की थी। कर्मचारियों को 1 जुलाई 2021 से 30 अप्रैल 2022 तक 17% डीए पर वेतन बना था, लेकिन सरकार ने वेतन में अंतर की राशि का भुगतान फिर नहीं किया। सरकार ने डीए में 6% की वृद्धि 1 अगस्त 2022 से कर 28% किया है, जबकि केंद्र में 28% डीए का देय तिथि 1 जुलाई 2021 है। राज्य सरकार ने छल करते हुए देय तिथि से डीए स्वीकृत नहीं किया है।
34% महंगाई भत्ता मिलने पर ही काम पर लौटेंगे:श्री वर्मा
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन जिला संयोजक प्रदीप कुमार वर्मा ने कहा कि राजधानी रायपुर सहित पूरे प्रदेश में अपनी मांगों को लेकर कर्मचारी और अधिकारियों ने 25 जुलाई से 29 जुलाई तक 5 दिनों तक हड़ताल किया था। हड़ताल पर चले जाने से समस्त विभागों में कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया था। ऐसे में प्रदेश सरकार ने हड़ताल के पांचवें और अंतिम दिन हड़ताली कर्मियों का वेतन काटने और ब्रेक इन सर्विस का आदेश जारी कर दिया था। कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने प्रदेश स्तर पर बैठक कर वेतन काटे जाने का विरोध जताते हुए शासन के आदेश की प्रतियां भी जलाई थी। कर्मचारी संगठन 34% महंगाई भत्ता मिलने पर ही काम पर लौटने की बात कह रहे हैं। इधर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कह चुके हैं कि सौदेबाजी नहीं चलेगी।