अपनी जान पर खेलकर दादा ने तेंदुआ से बचाई पोते की जान, कलेक्टर ने किया सम्मानित
गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में एक बुजुर्ग ने अपनी जान की परवाह किए बिना अपने चार वर्षीय पोते को तेंदुआ के जबड़े से बचाकर अदम्य साहस और जज्बे का परिचय दिया। विकासखंड छुरा अंतर्गत ग्राम कोठीगांव निवासी दर्शन नेताम ने वीरता की ऐसी मिसाल पेश की है, जिसे सुनकर हर कोई उनकी बहादुरी को सलाम कर रहा है।
घटना उस समय की है जब दर्शन नेताम का पोता प्रदीप नेताम अपने घर के आंगन में खेल रहा था। इसी दौरान एक तेंदुआ अचानक उस पर झपट पड़ा और उसे जंगल की ओर ले जाने लगा। यह देख दादा दर्शन नेताम ने बिना समय गंवाए तेंदुआ के पीछे दौड़ लगाई और उसकी पीठ पर कूदकर पोते को उसके चंगुल से छुड़ा लिया। कुछ ही पलों में तेंदुआ वहां से भाग निकला। बालक प्रदीप को तेंदुए के पंजों से हल्की चोटें आईं, लेकिन उसकी जान बच गई।
इस साहसी कार्य के लिए गरियाबंद कलेक्टर भगवान सिंह उइके ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में बुजुर्ग दर्शन नेताम को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर डीएफओ लक्ष्मण सिंह भी उपस्थित थे। कलेक्टर श्री उइके ने श्री नेताम के साहस की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनका यह कार्य समाज के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने पोते प्रदीप की कुशलता की जानकारी भी ली और उसके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की।
कलेक्टर ने जंगल के समीप रहने वाले सभी ग्रामीणों से सतर्कता बरतने की अपील करते हुए कहा कि जंगली जानवरों की उपस्थिति की सूचना तुरंत वन विभाग को दें। वहीं डीएफओ श्री लक्ष्मण सिंह ने भी दर्शन नेताम की वीरता की सराहना की और जंगली इलाकों में सतर्कता बरतने की सलाह दी।