गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। छ.ग. पाठ्य पुस्तक निगम की कक्षा 5 वीं की हिन्दी पुस्तक से चमत्कार नामक पाठ हटा दिया गया है। छ.ग. पाठ्य पुस्तक से प्राप्त जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ में कक्षा पांचवी की हिंदी की किताब से चमत्कार पाठ हटा दिया गया है क्योंकि पुस्तक के चमत्कार शीर्षक को लेकर प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर में विरोध हुआ था। बच्चे नए सत्र से इस चमत्कार शीर्षक को नहीं पढ़ पाएंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हिंदी- छत्तीसगढ़ी-संस्कृत विषय की किताब के पाठ 25 में पेज क्रमांक 130 और 131 में चमत्कार शीर्षक से प्रस्तुत पाठ को बच्चों को पढ़ाया जा रहा था। इसके लिए साधु-संतो ने भी कड़ी आपत्ति जताई थी। इसके अलावा कई संगठन इस शीर्षक को हटाने के लिए शिक्षा विभाग से मुख्यमंत्री से शिकायत भी की थी। इस दौरान छत्तीसगढ़ पहुंचे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद भी भड़क गए। उन्होंने एक सभा में सबके सामने पुस्तक से पाठ को फाड़ दिया। अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि यह हिंदू धर्म के विरूद्ध षड्यंत्र है। इसमें गेरूआ वस्त पहने स्वामी का चित्र बनाकर उन्हें कपटी बताया गया है। उन्होंने कहा था कि चमत्कार शीर्षक में ठगी से बचने के उपाय बताए जा रहे है। यह बताना अच्छी बात है, लेकिन ठगी केवल सन्यासी के वेश में नहीं होती। साधु-संतो को कपटी बताया चमत्कार शीर्षक में साधु-संतो के बारे में पाठ पढ़ाकर उन्हें कपटी बताया गया। इसमें साधु की वेशभूषा में एक कपटी व्यक्ति बताते हुए पात्र परिचय दिया गया है। साथ ही भगवाधारी साधुओं की तस्वीर को आपत्तिजनक तरीके से भी प्रस्तुत किया गया है। साधु-संतो को पुलिस वाला पकड़कर ले जा रहा है। इसमें पठन-पाठन के लिए जो निर्देश दिया गया है कि साधु के वेश में ठगों के बारे में कक्षा में चर्चा करें। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद रायपुर की ओर से निर्मित इस कितान को लेकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अनुषांगिक संगठन शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नईदिल्ली ने आपत्ति दर्ज की थी। उन्होंने परिषद को शिकायत करके लेखक और इस तरह के पाठ प्रस्तुत करने वालों पर कड़ी कार्यवाही की मांग की थी। इसलिए आगामी सत्र से यह पाठ हटाया गया है। प्राप्त जानकारी अनुसार पहली से दसवीं तक की पुस्तकें राज्य शासन द्वारा निशुल्क दी जाती है। अब नए सत्र से पहली से 12 वीं तक किताबें भी मुफ्त दी जाएंगी। इसको राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् छत्तीसगढ़ की ओर से तैयार की जाती है। पिछले सत्र में पांचवी हिंदी के किताब में कुल 25 पाठ थे। इसमें आखिरी पाठ में चमत्कार के नाम से था। दरअसल विवाद चमत्कार पाठ से ही था। जहां इस पाठ में पानी डालने से कागज कैसे जल जाए, नारियल के भीतर फूल कैसे निकलते है, भभूत चखकर बच्चा कैसे चुप हो जाता है बिना घाव पेट से खून कैसे बहने लगता जैसे कथाकथित चमत्कार और इसके पीछे के वैज्ञानिक कारण बताए गए हैं।
अब नए सत्र से बच्चें नहीं पढ़ेंगे चमत्कार पाठ, साधु-संतो ने भी किया था विरोध
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