गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। आयुष्मान कार्ड का जरूरतमंदों के लिए आवश्यकता के समय कारगर उपयोगिता की प्रावधानों पर प्रश्न उठाते हुए फिंगेश्वर के पूर्व सरपंच तथा वरिष्ठ नागरिक बिसौहा हरित ने कहा है कि शासन एवम् संबंधित विभाग द्वारा जिस तत्परता और मुहिम चला कर आयुष्मान कार्ड बनवाया जा रहा है संबंधित व्यक्तियों को शासन की ओर से यह स्पष्ट जानकारी भी दिया जावे कि इस आयुष्मान कार्ड का उपयोग किस अस्पताल अथवा किस मेडिकल स्टोर्स में होगा। क्योंकि मुसीबत के समय जरूरतमंद लोगों को कार्ड लेकर यहां वहां भटकना पड़ता है और पांच लाख रुपए तक की मुफ्त इलाज तो दूर पांच हजार के लिए अपना नगद इंतजाम करना होता है तभी सामान्य गरीब वर्ग के लोगों का इलाज संभव होता है। इलाज का स्थान सरकारी हो या अशासकीय लिखे गए दवाइयां मेडिकल स्टोर्स में नगद भुगतान कर खरीदने पश्चात् ही इलाज संभव हो पाता है। हरित ने आयुष्मान कार्ड की सार्थकता के मद्देनजर सरकार, शासन-प्रशासन से आग्रह किया है कि किसी गरीब तथा मध्यम वर्गीय परिवार में जब कोई सदस्य बीमारी से जूझता रहता है तब यह नहीं सूझता कि वह किस औषधालय में जाय वह सोच भी नहीं पाता की अस्पताल शासकीय है या अशासकीय, उस वक्त में हर हालात में किसी प्रकार से उपचार हो जाय उनका मूल उद्देश्य होता है। अतः आयुष्मान कार्ड यदि बीमार व्यक्ति के पास है तो बीमारी का प्रकार चाहे जिस रूप में हो, उपचार के लिए पहुंचे औषधालय में आयुष्मान कार्ड के माध्यम से पांच लाख रुपए तक का इलाज हो ऐसा नियम व निर्देश स्पष्ट तौर से सरकार, शासन-प्रशासन द्वारा जारी किया जाना चाहिए।
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