एम्स: उत्कृष्ट चिकित्सा सेवा और मानवीय संवेदनशीलता का प्रतीक

स्वास्थ्य समस्याओं के कारण मुझे कुछ दिनों के लिए  अस्पताल में भर्ती होना पड़ा, और सौभाग्य से, मुझे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) रायपुर छत्तीसगढ़ में इलाज का अवसर मिला। सरकारी अस्पतालों को लेकर प्रायः नकारात्मक धारणाएँ सुनने को मिलती हैं—जैसे कि डॉक्टर ठीक से ध्यान नहीं देते, सफाई का अभाव रहता है, भोजन की गुणवत्ता अच्छी नहीं होती, और मरीजों के साथ सही व्यवहार नहीं किया जाता। लेकिन रायपुर AIIMS में मेरा अनुभव इन भ्रांतियों से बिल्कुल विपरीत रहा।

AIIMS: चिकित्सा जगत का एक विश्वसनीय नाम

AIIMS केवल एक अस्पताल नहीं, बल्कि एक ऐसा संस्थान है जो आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं, अनुभवी डॉक्टरों और संवेदनशील देखभाल का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करता है। यहाँ की स्वास्थ्य सेवाएँ अत्याधुनिक तकनीकों से सुसज्जित हैं, और विशेषज्ञ चिकित्सक हर मरीज की समस्या को गहराई से समझकर उसका उचित समाधान प्रदान करते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यहाँ निजी अस्पतालों की तुलना में बेहद किफायती दरों पर उच्च स्तरीय चिकित्सा उपलब्ध कराई जाती है, जिससे हर वर्ग के मरीजों को उत्तम इलाज मिल सके।

मेरा अनुभव: देखभाल और सेवा का उच्चतम स्तर

मुझे न्यूरोलॉजी विभाग, वार्ड नंबर 3B1, तीसरी मंजिल में भर्ती किया गया। अस्पताल में भर्ती होने से पहले मेरे मन में कई आशंकाएँ थीं—कैसा होगा यहाँ का वातावरण? डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ का व्यवहार कैसा रहेगा? क्या मेरी देखभाल सही ढंग से होगी? लेकिन यहाँ के अनुभव ने मेरी सभी शंकाओं को निर्मूल कर दिया।

मरीजों के प्रति समर्पण: डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ अपनी जिम्मेदारियों के प्रति पूर्णतः समर्पित हैं। वे मरीजों की समस्याओं को न केवल सुनते हैं, बल्कि हर छोटी-बड़ी बारीकी पर ध्यान देते हैं।

हर मरीज के लिए व्यक्तिगत ध्यान: यहाँ डॉक्टर दिन में तीन बार मरीजों का निरीक्षण करते हैं—सुबह 8:30 बजे , शाम 5 बजे और रात नौ बजे। हर मरीज की स्थिति को चार्ट पर अपडेट किया जाता है और उपचार से संबंधित सलाह दी जाती है।

सहयोगी और संवेदनशील स्टाफ: अस्पताल का पूरा स्टाफ न केवल कुशल है, बल्कि बेहद विनम्र और सहयोगी भी है। वे मरीजों को मानसिक रूप से भी सहारा देने का प्रयास करते हैं, जिससे चिकित्सा प्रक्रिया आसान और कम तनावपूर्ण हो जाती है।

स्वच्छता, पोषण और देखभाल: हर स्तर पर उत्कृष्टता

AIIMS में सफाई व्यवस्था अत्यंत प्रभावशाली है। हर वार्ड को नियमित रूप से साफ किया जाता है, ताकि संक्रमण का कोई खतरा न रहे। यह देखकर सुखद आश्चर्य हुआ कि सरकारी अस्पताल होने के बावजूद यहाँ स्वच्छता का उतना ही ध्यान रखा जाता है जितना कि किसी अंतरराष्ट्रीय स्तर के निजी अस्पताल में।

अस्पताल प्रशासन सफाई का पूरा ध्यान रखता है, लेकिन जब तक नागरिक अपनी ज़िम्मेदारी नहीं समझेंगे, तब तक सार्वजनिक स्थानों को स्वच्छ बनाए रखना मुश्किल होगा। शौचालयों और स्नानागारों को गंदा करना, कूड़ा इधर-उधर फेंकना, और स्वच्छता के नियमों की अनदेखी करना एक बहुत बड़ी समस्या है।

अगर हर व्यक्ति यह संकल्प ले कि वह सार्वजनिक स्थानों को उतना ही स्वच्छ रखेगा जितना अपने घर को, तो सफाई व्यवस्था और भी बेहतर हो सकती है। अस्पताल सिर्फ इलाज का स्थान ही नहीं, बल्कि अनुशासन, ज़िम्मेदारी और समाज के प्रति कर्तव्य निभाने का भी केंद्र होना चाहिए।

एम्स जैसे अस्पतालों में डॉक्टर और अन्य कर्मचारी मरीजों की सेवा में दिन-रात लगे रहते हैं, इसलिए हम नागरिकों का भी यह कर्तव्य बनता है कि हम स्वच्छता बनाए रखने में योगदान दें और अस्पताल प्रशासन का सहयोग करें। इस तरह, न केवल स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होंगी, बल्कि हमारा समाज भी स्वच्छ और स्वस्थ रहेगा।

पौष्टिक आहार: मरीजों को संतुलित और स्वास्थ्यवर्धक भोजन उपलब्ध कराया जाता है, जिसमें दलिया, दाल-चावल, रोटी-सब्जी, सलाद , दही, अंकुरित अनाज आदि शामिल होते हैं।

संक्रमण नियंत्रण: अस्पताल प्रशासन संक्रमण को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करता है। हर उपकरण और वार्ड को नियमित रूप से सैनिटाइज किया जाता है।

AIIMS: केवल अस्पताल नहीं, एक नई आशा

AIIMS ने मेरी सोच बदल दी। यह अस्पताल न केवल आधुनिक चिकित्सा सुविधाएँ प्रदान करता है, बल्कि यहाँ का माहौल भी मरीजों को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होने में सहायता करता है। यहाँ का स्टाफ मरीजों को केवल एक संख्या की तरह नहीं देखता, बल्कि एक इंसान की तरह उनकी परेशानियों को समझता और उनका समाधान करने का प्रयास करता है।

निशुल्क चिकित्सा सुविधा:

यदि हम किसी निजी अस्पताल में जाते हैं, तो डॉक्टर से मिलने के लिए पहले हमें 500 रुपये जमा करने पड़ते हैं, और इसके बाद डॉक्टर केवल संक्षिप्त परामर्श देते हैं। जबकि एम्स अस्पताल में डॉक्टर से परामर्श लेने के लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ता। हां, मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण यहां थोड़ा इंतजार अवश्य करना पड़ता है।

एम्स अस्पताल में प्रतिदिन लाखों की संख्या में मरीज पहुंचते हैं। यहां चिकित्सा सेवाएं और अन्य प्राथमिक स्तर की सभी सुविधाएं निशुल्क प्रदान की जाती हैं।

निष्कर्ष

एम्स अस्पताल भारत के शीर्ष अस्पतालों में से एक है, और यहां के डॉक्टर भी देश के सर्वश्रेष्ठ डॉक्टरों में गिने जाते हैं। नागरिकों का इस अस्पताल और इसके चिकित्सा सेवाओं पर उतना ही गहरा विश्वास है, जितना किसी अन्य अस्पताल पर नहीं।

सरकारी अस्पतालों को लेकर जो भ्रांतियाँ प्रचलित हैं, AIIMS ने उन्हें मेरे अनुभव के आधार पर पूरी तरह गलत साबित कर दिया। यहाँ हर मरीज को सम्मान, देखभाल और सर्वोत्तम चिकित्सा सेवाएँ प्राप्त होती हैं। मैं पूरी निश्चिंतता के साथ कह सकती हूँ कि यदि किसी को बेहतरीन और सुलभ चिकित्सा सेवा की आवश्यकता हो, तो AIIMS से बेहतर कोई विकल्प नहीं हो सकता। यह न केवल एक अस्पताल है, बल्कि विश्वास, करुणा और उत्कृष्ट चिकित्सा का प्रतीक है।

स्वतंत्र लेखिका एवम् साहित्यकार

शिखा गोस्वामी “निहारिका”

मारो, मुँगेली छत्तीसगढ़

Share.

About Us

Chif Editor – Prakash Kumar yadav

Founder – Gangaprakash

Contact us

📍 Address:
Ward No. 12, Jhulelal Para, Chhura, District Gariyaband (C.G.) – 493996

📞 Mobile: +91-95891 54969
📧 Email: gangaprakashnews@gmail.com
🌐 Website: www.gangaprakash.com

🆔 RNI No.: CHHHIN/2022/83766
🆔 UDYAM No.: CG-25-0001205

Disclaimer

गंगा प्रकाश छत्तीसगढ के गरियाबंद जिले छुरा(न.प.) से दैनिक समाचार पत्रिका/वेब पोर्टल है। गंगा प्रकाश का उद्देश्य सच्ची खबरों को पाठकों तक पहुंचाने का है। जिसके लिए अनुभवी संवाददाताओं की टीम हमारे साथ जुड़कर कार्य कर रही है। समाचार पत्र/वेब पोर्टल में प्रकाशित समाचार, लेख, विज्ञापन संवाददाताओं द्वारा लिखी कलम व संकलन कर्ता के है। इसके लिए प्रकाशक, मुद्रक, स्वामी, संपादक की कोई जवाबदारी नहीं है। न्यायिक क्षेत्र गरियाबंद जिला है।

Ganga Prakash Copyright © 2025. Designed by Nimble Technology

WhatsApp us

Exit mobile version