Chhattisgarh: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ “देशभक्ति का सैलाब बना तिरंगा यात्रा: गरियाबंद में सफलता पर गूंजे जयकारे, बारिश भी नहीं रोक सकी राष्ट्रभक्ति की बयार”
गरियाबंद (गंगा प्रकाश)।ऑपरेशन सिंदूर की ऐतिहासिक सफलता पर गरियाबंद की धरती पर शुक्रवार को ऐसा जनसैलाब उमड़ा, जिसने यह सिद्ध कर दिया कि भारत माता के सम्मान और देश की संप्रभुता के लिए यह ज़िला भी कभी पीछे नहीं रहेगा। बारिश की परवाह किए बिना सैकड़ों देशभक्तों ने हाथों में तिरंगा लेकर नगर की सड़कों पर जब ‘वंदे मातरम्’ और ‘भारत माता की जय’ के नारों के साथ कदम बढ़ाए, तो माहौल पूरी तरह देशभक्ति में रंग गया।

इस भव्य तिरंगा यात्रा की शुरुआत गरियाबंद के प्रतिष्ठित गायत्री मंदिर से हुई। वहां से यात्रा ने बस स्टैंड, तिरंगा चौक, नगर का मुख्य बाजार मार्ग, सुभाष चौक, शीतला मंदिर होते हुए सरस्वती शिशु मंदिर परिसर में समापन किया। यात्रा में पुरुष, महिलाएं, युवा, छात्र-छात्राएं और बुजुर्ग, सभी वर्ग के लोग सम्मिलित हुए। हर हाथ में तिरंगा था, हर आंखों में गर्व और हर दिल में देशभक्ति की भावना थी।
ऑपरेशन सिंदूर: एक मिशन, जो बना प्रेरणा
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पृष्ठभूमि में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार और सेना की सख्त कार्रवाई शामिल है। इस अभियान में भारत ने पाकिस्तान की सरजमीं पर घुसकर आतंकवादियों को नेस्तनाबूद किया। यह कार्रवाई सिर्फ बदला नहीं, बल्कि संदेश थी – भारत अब आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा।
गरियाबंद में इसी अभियान की सफलता को सम्मान देने के लिए आयोजित तिरंगा यात्रा में भाजपा और समाज के कई प्रमुख चेहरे शामिल हुए। यात्रा के आयोजन और संदेश ने यह स्पष्ट किया कि आतंक के विरुद्ध लड़ाई केवल सीमाओं पर नहीं, जनमानस के भीतर भी लड़ी जा रही है।
नेताओं के ओजस्वी भाषण, जनता में जोश का संचार
तिरंगा यात्रा के समापन अवसर पर आयोजित सभा में भाजपा जिला अध्यक्ष अनिल चंद्राकर ने कहा,
“पहलगाम की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया। लेकिन ऑपरेशन सिंदूर ने यह सिद्ध किया कि भारत अब चुप बैठने वाला देश नहीं रहा। हमारी सेना की वीरता और सरकार की नीतिगत स्पष्टता आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम है।”
भाजपा प्रदेश मंत्री किशोर महानंद ने कहा,
“पाकिस्तान की धरती पर जाकर हमारी सेना ने जो साहसिक कार्रवाई की, वह केवल आतंकियों के विरुद्ध नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को यह दिखाने के लिए थी कि भारत की चुप्पी अब कमजोरी नहीं, रणनीति है।”
पूर्व विधायक संतोष उपाध्याय ने कहा,
“ऑपरेशन सिंदूर भारत के आत्मसम्मान का प्रतीक है। यह एक स्पष्ट संदेश है कि भारत न केवल अपनी सीमाओं की रक्षा कर सकता है, बल्कि आवश्यकता पड़ी तो शत्रु की धरती पर भी प्रहार कर सकता है।”
पूर्व संसदीय सचिव गोवर्धन मांझी ने कहा,
“यह अभियान आने वाली पीढ़ियों को यह याद दिलाता रहेगा कि भारत की संप्रभुता के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता। हर भारतीय को अपने सैनिकों पर गर्व होना चाहिए।”
हर वर्ग की भागीदारी, हर कदम में विश्वास
इस यात्रा में सिर्फ राजनेता नहीं, समाज के हर वर्ग से लोग जुड़े। नगर पालिका अध्यक्ष रिखीराम यादव, पूर्व अध्यक्ष गफ्फू मेमन, उपाध्यक्ष आसिफ मेमन, जिला मंत्री मिलेश्वरी साहू, लालिमा ठाकुर, शिवांगी चतुर्वेदी, सुरेंद्र सोनटेके, चंद्रशेखर साहू, अनूप भोसले, राधेश्याम सोनवानी, सागर मयाणी, टीकम साहू, विकास रोहरा, तनु साहू, रेणुका साहू, बिंदु सिन्हा, प्रकाश सोनी, नूतन देवांगन, अज्जू दासवानी सहित अन्य अनेक गणमान्य नागरिकों की सक्रिय उपस्थिति रही।
बरसात में भींगता रहा तन, पर नहीं भीगा मनोबल
हालांकि कार्यक्रम के दौरान बारिश ने कई बार व्यवधान डाला, लेकिन लोगों के उत्साह में कोई कमी नहीं आई। हर कोई पूरे जोश और उत्साह के साथ आगे बढ़ता रहा। बुजुर्गों ने जहां इस यात्रा को आजादी के संघर्ष की याद दिलाने वाला बताया, वहीं युवाओं ने इसे राष्ट्रप्रेम की नई ऊर्जा देने वाला क्षण कहा।
समापन: गरियाबंद की आवाज़, भारत का संकल्प
यह तिरंगा यात्रा केवल एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र के लिए एक सन्देश थी – कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई केवल सीमा तक सीमित नहीं है, बल्कि भारत का हर नागरिक इसके विरुद्ध एक सैनिक है। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता गरियाबंद की गूंज बनकर निकली, जिसने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत की संप्रभुता, सम्मान और सुरक्षा पर किसी भी प्रकार का आघात अब स्वीकार नहीं।