ब्रेकिंग न्यूज़: गरियाबंद में सागौन तस्करी गिरोह का पर्दाफाश, ओडिशा निवासी आरोपी गिरफ्तार — न्यायिक हिरासत में भेजा गया
गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में वन माफिया के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को एक बड़ी सफलता मिली है। राष्ट्रीयकृत सागौन की अवैध कटाई और तस्करी के बहुचर्चित मामले में फरार चल रहा एक और आरोपी आखिरकार वन विभाग के हत्थे चढ़ गया। गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान बिजय पिता बलराम गोंड़ (उम्र 33 वर्ष), निवासी ग्राम सोनपुर, थाना रायघर, तहसील रायघर, जिला नवरंगपुर (ओडिशा) के रूप में हुई है।

यह गिरफ्तारी वन अपराध प्रकरण क्रमांक 170/16 दिनांक 22/01/2025 के तहत की गई, जिसमें वन विभाग ने पहले ही कई संदिग्धों के खिलाफ गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। आरोपी बिजय पर आरोप है कि वह अंतरराज्यीय सागौन तस्करी नेटवर्क से जुड़ा हुआ था, और उसने छत्तीसगढ़ के संरक्षित वन क्षेत्रों से कीमती सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई और उनके परिवहन में सक्रिय भूमिका निभाई थी।
रिमांड पर पेशी, फिर जेल दाखिला
वन परिक्षेत्र तौरेंगा (बफर) की टीम द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद आरोपी को आज कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच गरियाबंद न्यायालय लाया गया, जहां उसे माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत किया गया। न्यायालय ने उसे न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया, जिसके बाद उसे गरियाबंद जेल में दाखिल कराया गया।
वन विभाग की सतर्कता और कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार, वन विभाग को लंबे समय से आरोपी की तलाश थी। तकनीकी निगरानी और गुप्त सूचना के आधार पर की गई छापेमारी के बाद यह गिरफ्तारी संभव हो सकी। अधिकारियों का मानना है कि यह गिरोह सीमावर्ती क्षेत्रों में फैला हुआ है और ओडिशा व छत्तीसगढ़ के जंगलों से अवैध लकड़ी तस्करी में लिप्त है।
वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया,
“यह केवल एक गिरफ्तारी नहीं, बल्कि पूरे नेटवर्क के खिलाफ एक बड़ा कदम है। हम शेष आरोपियों की धरपकड़ के लिए सघन अभियान चला रहे हैं। यह मामला अब राज्य स्तर पर मॉनिटर किया जा रहा है।”
बड़ा सवाल — कौन हैं पीछे के खिलाड़ी?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस गिरोह के पीछे कौन-कौन हैं? क्या इसमें स्थानीय प्रभावशाली लोग, दलाल, या लकड़ी व्यवसायी शामिल हैं? और क्या यह नेटवर्क अंतरराज्यीय तस्करी के बड़े रैकेट की कड़ी है? वन विभाग और खुफिया एजेंसियों की संयुक्त जांच अब इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है।