Cgnews:”अब हमारा भी है एक पक्का घर!” — मारगांव में प्रधानमंत्री आवास योजना ने रचा इतिहास, गूंजे जयघोष, छलकी खुशियाँ
धनंजय गोस्वामी
डोंगरगांव (गंगा प्रकाश)। “जिस घर की दीवारों का सपना हमने बरसों से देखा था, वो आज हमारी आंखों के सामने खड़ा है!” — ये शब्द थे उस बुजुर्ग महिला के, जिसकी आँखों में खुशी के आँसू थे, जब उसे प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत बने पक्के घर की चाबी सौंपी गई।
ग्राम पंचायत मारगांव में मंगलवार को इतिहास रच दिया गया। वर्षों से कच्चे घरों में रह रहे गरीब, असहाय और मेहनतकश परिवारों को उनके सपनों का घर मिला। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत तैयार हुए पक्के आवासों का भव्य गृह प्रवेश समारोह पूरे गांव के लिए उत्सव बन गया।
ग्राम बना गवाह — घर-घर बजी शहनाइयाँ, गूंजे मंगल गीत

पूरे गांव में त्योहार जैसा माहौल था। रंगोली, ढोल-नगाड़े, और पारंपरिक वेशभूषा में सजे लाभार्थी परिवारों ने जब अपने नए घरों में प्रवेश किया, तो गांव के हर कोने में खुशी की लहर दौड़ गई। मुख्य मंच पर पूजा-अर्चना से शुरुआत हुई, और फिर लाभार्थियों को विधिवत रूप से उनके घरों की चाबियाँ प्रदान की गईं।
मुख्य अतिथि कुमान सिंह नेताम का ओजस्वी संबोधन: “अब किसी गरीब को झोंपड़ी में नहीं रहना पड़ेगा”
मुख्य अतिथि जनपद पंचायत सदस्य कुमान सिंह नेताम ने अपने भावुक भाषण में कहा —
“आज का दिन केवल चाबी देने का नहीं, बल्कि सम्मान लौटाने का दिन है। ये घर किसी योजना का हिस्सा नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और सुरक्षित जीवन की शुरुआत है।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार गरीबों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और हर जरूरतमंद को उसका हक दिलाया जाएगा।
सरपंच श्रीमती राधा बाई कंवर: “मारगांव को बनाएंगे मॉडल ग्राम”
ग्राम पंचायत की सरपंच श्रीमती राधा बाई कंवर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा:
“हमारा सपना है कि मारगांव न केवल आवास योजना में अग्रणी बने, बल्कि स्वच्छता, शिक्षा और रोजगार में भी उदाहरण बने। हम पंचायत स्तर पर हर योजना को पारदर्शिता और समर्पण से लागू करेंगे।”
ग्रामवासियों की जुबानी: “अब हमारी बेटियों की विदाई भी पक्के घर से होगी”
एक लाभार्थी महिला ने भावुक होकर कहा,
“अब हमें बारिश में छत टपकने का डर नहीं है। अब हमारी बेटियाँ इज्जत से अपने पक्के घर से विदा होंगी। प्रधानमंत्री जी का आभार है।”
कार्यक्रम में रहा जनसैलाब, योजनाओं का जीवंत प्रमाण बनीं मुस्कानें
समारोह में पंचायत सचिव, समस्त पंचगण, आवास मित्र, रोजगार सहायक सहित सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण शामिल हुए। हर चेहरे पर एक आत्मविश्वास और उम्मीद की झलक थी।
निष्कर्ष: योजनाएं जब ज़मीन पर उतरती हैं, तो जनकल्याण का सूरज उगता है
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अब किसी सरकारी कागज तक सीमित नहीं, बल्कि हर उस परिवार के चेहरे पर मुस्कान बन चुकी है, जिसे वर्षों से एक पक्के घर का सपना था। मारगांव इसका सबसे बड़ा उदाहरण बनकर उभरा है।